एसआईटी की ओर से मामले की जांच जारी है। सीएम भजनलाल शर्मा व चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर स्वयं मामले की मॉनिटरिंग कर रहे है। एसआईटी की जांच में सामने आया है कि दोनों आरोपी डॉक्टर्स के दूसरे लोगों से भी संपर्क में है। इनमें मेडिकल स्टॉफ व दलाल शामिल है। अब एसआईटी उनसे भी इस मामले में पूछताछ करेगी।
इधर हो रहा डॉक्टरों पर कार्रवाई का विरोध… एसआईटी की ओर से आज गिरफ्तार किए दो डॉक्टरों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहीं इस मामले में डॉक्टरों को गिरफ्तार करने का विरोध हो रहा है। डॉक्टर्स और प्राइवेट हॉस्पिटल की यूनियन की ओर से नाराजगी जाहिर की गई है। हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स सोसायटी के प्रेसिडेंट डॉ विजय कपूर ने इस कार्रवाई को गलत बताया है। उन्होंने कहा- बिना जांच पूरी हुए डॉक्टरों की गिरफ्तारी करना सही नहीं है। अगर आगे ऐसा हुआ तो वह बर्दाश्त नहीं करेंगे।
दो डॉक्टरों सहित अब तक 13 गिरफ्तार.. फर्जी एनओसी से अंग प्रत्यारोपण के मामले में अब तक दो डॉक्टरों सहित 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें फर्जी एनओसी बनाने वाले रिसीवर और डोनर को लाने वाले दलाल भी शामिल है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सवाई मानसिंह अस्पताल का सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह, फोर्टिस अस्पताल का विनोद सिंह, गिरिराज शर्मा, भानू लववंशी, ईएचसीसी हॉस्पिटल का अनिल जोशी, बांग्लादेशी नागरिक नूरूल इस्लाम, मेहंदी हसन शमीम, मोहम्मद अहसानुल, मोहम्मद आजाद हुसैन, सुमन जाना और सुखमय नंदी शामिल है। इसके अलावा डॉ. संदीप गुप्ता और डॉ. जितेन्द्र गोस्वामी से पूछताछ की गई है।