पहले भर रहे पॉश इलाकों के स्वच्छ जलाशय
शहर में बीसलपुर सिस्टम के पानी के वितरण की अंदरूनी तस्वीर को देखा तो कई खामियां सामने आई हैं। बीसलपुर सिस्टम से शहर में तीन फीडरों से पानी का वितरण होता है। पानी इन फीडरों से शहर में रवाना होते ही मनमर्जी का खेल शुरू हो जाता है। पहले शहर के पॉश इलाकों में बने स्वच्छ जलाशयों को भरा जा रहा है। इसके बाद शहर के अंतिम छोर पर बसे लोहामंडी, सीकर रोड, झोटवाड़ा, जामडोली और आमेर पहुंचते पहुंचते पानी का प्रेशर बेहद कम हो जाता है। इस स्थिति में स्वच्छ जलाशय नहीं भर पाते। पहले अंतिम छोर पर पानी पहले पहुंचे
बीसलपुर सिस्टम से मौजूदा पानी वितरण व्यवस्था से शहर में फील्ड इंजीनियर ज्यादा संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं क्योंकि अंतिम छोर पर बसे इन क्षेत्रों में गर्मी शुरू होते ही पानी का संकट शुरू हो जाता है। ब्रह्मपुरी, आमेर क्षेत्र में पानी की कमी का मुददा हवामहल विधायक बालमुकुंदाचार्य भी उठा चुके हैं। वहीं सीकर रोड, विश्वकर्मा, लोहामंडी, झोटवाडा क्षेत्रों में पर्याप्त पानी नहीं पहुंचने से बने हालात को काबू में करने के लिए जलदाय विभाग टैंकरों से पेयजल सप्लाई कर रहा है।
सब कुछ ऑनलाइन फिर भी इतनी बड़ी खामी कैसे?
शहर में बीसलपुर सिस्टम का वितरण तंत्र पूरी तरह से ऑनलाइन है और स्कॉडा सिस्टम से लैस है। कंप्यूटर से ही वॉल्व बंद किए जा सकते हैं और वॉल्व खोले जा सकते हैं। फिर अंतिम छोर के इलाकों में पानी वितरण को लेकर इतनी बड़ी खामी कैसे हो रही है, इस पर इंजीनियर भी चुप्पी साधे बैठे हैं।