भीलवाड़ा में माफिया ने अवैध बजरी दोहन का नया रास्ता खोजा। खनिज विभाग से नीलाम बजरी छुड़वाने के नाम पर बनास नदी से अवैध दोहन किया जा रहा है। ऐसा एक मामला सामने आया है जहां बिजौलियां खनिज विभाग ने बिना नियमों के 2200 टन बजरी परिवहन के लिए 400 रवन्ना जारी किए, जबकि अधिकतम 100 रवन्ना जारी होने चाहिए। खनिज विभाग बिजौलियां ने जनवरी में बिलोद, सांड, होड़ा, मुकुंदपुरिया, जोजवा, हरिसिंह का खेड़ा में जब्त करीब 2,184 टन अवैध बजरी की 500 रुपए प्रतिटन की दर से नीलामी की। इसे प्रभुलाल ने छुड़वाई। विभाग ने परिवहन के लिए ऑफ लाइन 400 रवन्ना जारी किए। यह बात बोलीदाता ने मानी है, जबकि नीलामी शर्त में बोलीदाता को रवन्ना देने का प्रावधान नहीं है।
रवन्ना कहीं का, जारी कहीं और से
विभाग से जारी रवन्ना नम्बर के आधार पर फर्जी रवन्ना बुक छपवाकर खेल खेला जा रहा है। विभाग ने हुरड़ा के लिए रवन्ना नम्बर 0890336 जारी किया। यह रवन्ना वभाग के पास जमा हो चुका है, जबकि बोलीदाता ने इस नंबर का फर्जी रवन्ना छपवाकर शक्करगढ़ क्षेत्र में 21 मार्च को जारी कर दिया। भीलवाड़ा खनिज अभियंता चंदन कुमार ने की। उनका कहना है कि मामला दर्ज कराया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। रवन्ना बुक जारी की थी। उसे वापस मंगवा लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
- सत्यनारायण कुमावत, खनिज अभियंता, बिजौलियां
झालावाड़: कभी सालभर लबालब रहता था हरिगढ़ तालाब… अब बना मैदान
गोविंद शर्मा
कभी लबालब रहने वाला हरिगढ़ तालाब इस साल अप्रेल में ही खाली होकर मैदान जैसा नजर आने लगा है। करीब 137 बीघा भूमि में फैले तालाब से क्षेत्र की 1500 हैक्टेयर भूमि सिंचित होती थी। मिट्टी का अवैध खनन होने के साथ ही तालाब में पानी कम होता गया। यह तालाब हरिगढ़ क्षेत्र के पहाड़ी क्षेत्र के गांव पीतामपुरा, जशनपुरा, खेड़ा, हरिगढ़ समेत अन्य गांवों में भूजल स्तर बढ़ाने में उपयोगी साबित होता है। साढ़े तीन दशक से यह तालाब जल संसाधन विभाग के अधीन चल रहा था। अब तीन वर्ष पूर्व ग्राम पंचायत को सौंप दिया है। अभी कुछ हिस्सों में तालाब के गड्ढों में कुछ पानी जमा है। वहीं सरपंच भवानीशंकर बैरवा ने बताया कि मनरेगा योजना के तहत कुछ पक्के व कच्चे काम ग्राम पंचायत की ओर से करवाए गए हैं। तालाब को सुरक्षित बनाने के लिए पंचायत प्रयासरत है।
कोटा में चल रही अवैध बजरी मंडियां
कोटा में बनास से रोज बजरी के 70 से 80 ट्रॉले आते हैं। माफिया ने शहर में एक दर्जन जगह पर अवैध बजरी मंडियां बना ली हैं, जहां सैकड़ों टन बजरी का स्टॉक कर रखा है। सबसे बड़ी मंडी बूंदी रोड पर आरओबी के नीचे चल रही है।
पेशुवा से गुजर रही बनास नदी में खनन गतिविधियों पर रोक
जोधपुर हाईकोर्ट ने सिरोही के पेशुवा गांव से गुजर रही बनास नदी के कैचमेंट एरिया में अगले आदेश तक खनन गतिविधियों पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाब देने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव व न्यायाधीश मुन्नुरी लक्ष्मण की खंडपीठ में याचिकाकर्ता मनोहर दान की ओर से अधिवक्ता श्याम पालीवाल ने कहा कि पेशुवा गांव से गुजर रही बनास नदी स्थित कुआं ग्रामीणों के लिए पेयजल का एकमात्र स्रोत है। ग्राम पेशुवा के खसरा संख्या 727 किस्म गैर मुमकिन नदी में गांव की पेयजल व्यवस्था के लिए बोरिंग करवाते हुए कुआं खुदवाया गया था। बोरिंग से महज 300 फीट की दूरी पर रॉयल्टी ठेकेदार नियमों को ताक में रखकर बजरी का खनन करने में लिप्त हैं। नदी के कैचमेंट एरिया से ही मशीनों के माध्यम से बजरी का अवैध खनन हो रहा है।