यह मामला भी अटका
– जेडीए में ठेका प्रथा समाप्त करने के लिए कैडर स्ट्रैंथ करने की मुहिम शुरू हुई। वित्त विभाग ने पिछले वर्ष स्वीकृति दे दी, लेकिन जेडीए इस पर काम शुरू नहीं कर पाया।
– पहले जेडीए में 1958 पद स्वीकृत थे। सरकार ने इसमें संशोधन किया और 219 पदों को समाप्त कर दिया। वहीं, 183 पद सृजित कर दिए। ऐसे में जेडीए में पदों की संख्या 1922 रह गई। जबकि, जेडीए ने फरवरी 2022 में जो प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा था, उसमें 2392 पद किए जाने की मांग की थी।
इस पर भी नहीं हो रहा काम
छोटे जोन का काम भी करीब दो वर्ष से अटका हुआ है। सचिव की अध्यक्षता में कमेटी तो बना दी गई, लेकिन अब तक परिसीमन शुरू नहीं हो पाया है। वर्ष 2013 में 24 जोन किए गए थे, लेकिन बाद में इनको घटाकर 18 कर दिए, जबकि जोन 11 से जोन 14 तक जेडीए सीमा क्षेत्र का बड़ा हिस्सा आता है। इसके अलावा जेडीए के जोन एक, दो, तीन और चार में नगर निगम का बड़ा हिस्सा आता है। इन जोन में काम बहुत कम है, लेकिन स्टाफ पूरा लगा हुआ है।
कैडर स्ट्रैंथ से लेकर छोटे जोन पर काम करने की जरूरत है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को हटाने का कदम तो अच्छा है, लेकिन नई भर्ती न होने और वैकल्पिक व्यवस्था न करने से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।
– बाबूलाल मीणा, अध्यक्ष, जेडीए कर्मचारी एवं अधिकारी परिषद