scriptकहते हैं जहां चाह, वहां राह, कुछ ऐसा ही कर दिखाया राजस्थान के प्रेमाराम ने, पैर खोने के बावजूद जीते 2 मैडल | Premaram of Rajasthan defeated cancer, won 2 medals in para swimming despite losing his leg | Patrika News
जोधपुर

कहते हैं जहां चाह, वहां राह, कुछ ऐसा ही कर दिखाया राजस्थान के प्रेमाराम ने, पैर खोने के बावजूद जीते 2 मैडल

कहते हैं जहां चाह, वहां राह। इसमें शारीरिक अक्षमता भी बाधा नहीं बनती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया प्रेमाराम ने। उन्होंने शारीरिक अक्षमता को बाधा नहीं बनने दिया और हौसले से सफलता प्राप्त की।

जोधपुरMar 27, 2024 / 04:31 pm

Kamlesh Sharma

Premaram of Rajasthan defeated cancer, won 2 medals in para swimming despite losing his leg

कहते हैं जहां चाह, वहां राह। इसमें शारीरिक अक्षमता भी बाधा नहीं बनती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया प्रेमाराम ने। उन्होंने शारीरिक अक्षमता को बाधा नहीं बनने दिया और हौसले से सफलता प्राप्त की।

अमित दवे/जोधपुर। कहते हैं जहां चाह, वहां राह। इसमें शारीरिक अक्षमता भी बाधा नहीं बनती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया प्रेमाराम ने। उन्होंने शारीरिक अक्षमता को बाधा नहीं बनने दिया और हौसले से सफलता प्राप्त की। प्रेमाराम ने कैंसर की बीमारी को मात देकर आधा पैर कटा होने के बावजूद पानी की लहरों को चीर कर स्विमिंग में अपनी धाक जमाई। हाल ही में जयपुर में आयोजित 7वीं राज्य स्तरीय स्विमिंग चैंपियनशिप में फ्री स्टाइल 50 मीटर में रजत व फ्री स्टाइल 100 मीटर में कांस्य पदक जीता है। इस उपलिब्ध के साथ ही प्रेमाराम ने नेशनल प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाइ कर लिया। आगामी 29 से 31 मार्च तक ग्वालियर में होने वाली 23वीं राष्ट्र स्तरीय पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में उनका चयन हुआ है।

स्विमिंग कोच ने तैरने के लिए किया प्रोत्साहित
आर्थिक स्थिति खराब होते हुए प्रेमाराम ने पढ़ाई जारी रखी और जेएनवीयू से बीए किया। एमए करने के दौरान प्रेमाराम की मुलाकात राजस्थान पैरा स्विमिंग कोच शेराराम परिहार से हुई। उन्होंने प्रेमाराम को तैरने के लिए प्रोत्साहित किया। शेराराम के मार्गदर्शन छह माह में तैयारी कर नेशनल प्रतियोगिता के लिए चयनित हुए।

8 साल में तैयार किए 100 से ज्यादा दिव्यांग तैराक
दिव्यांग खिलाड़ियों के कोच शेराराम परिहार 2015 से खिलाड़ियों को तैराकी का प्रशिक्षण दे रहे हैं। शेराराम ने प्रेमाराम सहित 100 से अधिक दिव्यांगों को तैराकी में तैयार किया। इनसे प्रशिक्षित खिलाड़ी राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर पदक विजेता हैं। इन खिलाड़ियों में 15 खिलाड़ी खेल कोटे व आउट ऑफ टर्न पॉलिसी से सरकारी नौकरी में लग चुके हैं। हाल ही में सातवीं पैरा स्विमिंग प्रतियोगिता में इनके 42 प्रशिक्षु खिलाड़ियों ने भाग लेकर राज्य स्तर पर 112 पदक हासिल किए। शेराराम वर्तमान में क्रीड़ा परिषद जोधपुर में तैराकी प्रशिक्षक के रूप में कार्यरत हैं।

2013 में आधा पैर काटना पड़ा
प्रेमाराम के जन्म से उल्टे पैर में घुटने से नीचे एक गांठ थी। धीरे-धीरे गांठ बड़ी हो गई। दिसम्बर 2013 में जांच कराने पर पता चला कि वह कैंसर की गांठ थी। ऐसे में 2013 में उनके घुटने के नीचे तक का पैर काटना पड़ा।

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