scriptसर्वे में खुलासा, गुंजल ने सरकारी जमीन पर कर रखा था पत्थरों का अवैध स्टॉक | Administrative team survey new 'revelation regarding Congress leader Prahlad Gunjal illegal stock of stones on government land | Patrika News
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सर्वे में खुलासा, गुंजल ने सरकारी जमीन पर कर रखा था पत्थरों का अवैध स्टॉक

Kota News : जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने बुधवार को पूर्व विधायक और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल के बावड़ीखेड़ा स्थित क्रशर से सटी सरकारी जमीन का सर्वे किया।

कोटाMay 23, 2024 / 09:48 am

Kirti Verma

Kota News : जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने बुधवार को पूर्व विधायक और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल के बावड़ीखेड़ा स्थित क्रशर से सटी सरकारी जमीन का सर्वे किया। संयुक्त टीम की ओर से करीब आठ घंटे तक किए गए जमीन के सर्वे में सामने आया कि पत्थरों का अवैध स्टॉक यूआईटी की जमीन पर कर रखा था। वहीं अवैध खनन यूआईटी के खसरा नम्बर 691, 694 में पाया गया। अब अत्याधुनिक टेक्नॉलोजी के आधार पर प्रशासन नए सिरे से जमीन का सर्वे और सीमांकन करवाएगा।
सरकारी जमीन पर अवैध खनन करने, पत्थर चोरी करने सहित अन्य धाराओं में नगर विकास न्यास ने गुंजल और उसके भतीजे लोकेश गुंजल के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। सरकारी जमीन से 955 टन पत्थर, खुदाई मशीन और एक डम्पर जब्त किया। इसके बाद प्रशासन की टीम बुधवार सुबह 6 बजे जमीन का सर्वे और सीमांकन करने पहुंची और दोपहर दो बजे तक जुटी रही। लेकिन तकनीकी दिक्कत से परम्परागत सीमांकन नहीं हो सका। इस दौरान मौके पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिलीप कुमार सैनी, उप अधीक्षक मनीष शर्मा के नेतृत्व में भारी जाप्ता कानून व्यवस्था के लिए मौजूद रहा।
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सुबह छह बजे सर्वे के लिए गए थे, लेकिन सीमांकन में आ रही परेशानी से दोपहर 2 बजे तक भी सर्वे नहीं हो सका। अब इसका नया तकनीकी सर्वे करवाया जाएगा।
भंवर सिंह, थानाधिकारी, रानपुर
भू-प्रबंधन विभाग की मदद से होगा डीजीपीएस/ईटीएस सर्वे
मंगलवार को खनिज विभाग, वन विभाग, यूआईटी तथा पुलिस की अवैध खनन पर संयुक्त कार्रवाई के बाद बुधवार को राजस्व वन विभाग एवं यूआईटी की टीमों ने उक्त ज़मीन की पैमाइश की गई। यूआईटी सचिव कुशल कुमार कोठारी के अनुसार उक्त खनन एवं संग्रहण यूआईटी के खसरा 691, 694 में पाया गया। साथ ही लगते हुए वन भूमि एवं निजी खातेदारों के खसरों के निर्धारण के लिए भू-प्रबंधन विभाग की मदद ली जाएगी। उनके जरिए डीजीपीएस/ईटीएस सर्वे के लिए लिखा गया है। उसी से यह तय हो पाएगा कि इस ज़मीन में वन विभाग की कितनी ज़मीन एवं खसरे शामिल हैं। उसके बाद अवैध खनन पर वन विभाग, यूआईटी और खनन विभाग द्वारा अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

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