सतना। उच्च न्यायालय ने डिलौरा मंडी कारोबारियों को किसी भी तरह की राहत नहीं दी है। नगर निगम को अवैध घोषित की गई मंडी को हटाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। साथ ही कलेक्टर से सवाल किया है कि किन प्रावधानों के तहत मंडी कारोबारियों को यहां मंडी स्थापित करने की अनुमति दी है?
जबलपुर उच्च न्यायालय में डिलौरा सब्जी मंडी के केस में नगर निगम के अधिवक्ता राजकुमार त्रिपाठी ने बताया कि मंडी कारोबारियों की ओर से दो नई याचिकाएं लगाई गई थीं। याचिका क्रमांक 7417/2024 में 2018 के मंडी बोर्ड के आर्डर को गलत बताया गया था। साथ ही याचिका क्रमांक 7460 में उनकी ओर से कहा गया था कि मंडी एक्ट की धारा 6 के तहत मंडी लगाने का अधिकार है। हालांकि न्यायालय ने उनसे दो टूक पूछा कि आपको मंडी चलाने की अनुमति किसने दी, लाइसेंस किसने दिया और क्या आप अपने से मंडी चला सकते हैं? इसका स्पष्ट जवाब मंडी कारोबारियों की ओर से नहीं दिया जा सका। इस दौरान मंडी कारोबारियों की ओर से कलेक्टर के साथ हुई किसी बैठक के मिनट्स का हवाला दिया गया और उसे अनुमति के रूप में प्रस्तुत किया गया। तब न्यायालय ने कहा कि आदेश प्रस्तुत करें, जो कि नहीं प्रस्तुत किया जा सका। न्यायालय नगर निगम के पक्ष से सहमत रहा कि यहां किया गया निर्माण अवैध है। इसी कारण मंडी कारोबारियों को स्टे नहीं दिया।
नगर निगम को दिया एक सप्ताह का समय अधिवक्ता त्रिपाठी ने बताया कि नगर निगम की ओर पक्ष रखा गया कि अभी आचार संहिता लगी हुई है। वहां डेढ़ सौ से ज्यादा कारोबारियों का निर्माण है, जिन्हें हटाने के लिए पर्याप्त पुलिस बल की जरूरत होगी। प्रशासनिक समन्वय भी आवश्यक होगा। इसके लिए एक सप्ताह का समय दिया जाए। इस पर न्यायालय ने एक सप्ताह का समय दे दिया है। अगली पेशी में निगम को क्रियान्वयन रिपोर्ट प्रस्तुत करना होगा।
आखिरी अल्टीमेटम खत्म नगर निगम ने डिलौरा मंडी को पूरी तरह से अवैध घोषित करने के साथ ही तत्संबंध में नोटिस चस्पा करने की कार्यवाही भी कर ली है। इस नोटिस में स्पष्ट लिखा गया है कि मंडी अवैध है और इसे संबंधित व्यापारी स्वयं से 24 घंटे के अंदर हटा लें। अन्यथा की स्थिति में इसके बाद अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई की जाएगी। नोटिस में यह भी बताया गया है कि अनाधिकृत निर्माण के लिए मंडी के कारोबारियों की ओर से जो कंपाउंडिंग का आवेदन दिया गया था उसे भी पात्रता में नहीं पाए जाने पर निरस्त कर दिया गया है। इतना ही नहीं, अतिक्रमण दस्ता प्रभारी आरपी परमार ने इस संबंध में माइकिंग करते हुए संबंधितों को सूचित भी किया है।
Hindi News/ Satna / हाईकोर्ट ने कलेक्टर से पूछा-किस अधिकार के तहत मंडी स्थापित करने की दी है अनुमति