मामला कुछ इस तरह है कि उज्जैन के महिदपुर के रहने वाले दिलीप सिंह राजपूत ड्राइवरी करते हैं। 31 साल के दिलीप की शादी नहीं हो रही थी तो उसने आजमाबाद राघवी गांव के रहने वाले अपने परिचित जीवन से शादी कराने के लिए कहा। जीवन उसे मुंडला सौंधिया गांव के रहने वाले पूजा व उसके पति सूरजमल से मिलाने के लिए ले गया जिन्होंने डेढ़ लाख रूपए लेकर महाराष्ट्र के परभणी में रहने वाली श्रुति से शादी कराने की बात कही। दिलीप पैसे देकर शादी करने के लिए तैयार हो गया और 27 जनवरी को दिलीप और श्रुति की शादी हो गई। लेकिन शादी के दूसरे ही दिन श्रुति घर से 50 हजार रूपए और जेवरात लेकर फरार हो गई थी। जिसकी शिकायत दिलीप ने पुलिस में दर्ज कराई थी और तब से खुद भी उसकी तलाश में जुटा हुआ था।
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श्रुति की तलाश कर रहे दिलीप को पता चला कि श्रुति और उसके साथी वाट्सएप पर ग्रुप बनाकर शिकार की तलाश करते हैं और उनका अगला शिकार आलोट के भीमगोल गांव का रहने वाला युवक है। इधर भीमगोल गांव में श्रुति दुल्हन बनकर अपना अगला शिकार करने के लिए पहुंची थी तभी दिलीप अपने परिचितों के साथ वहां पहुंच गया और शादी के मंडप से श्रुति व उसके तीन साथियों दलाल जीवन, सेवा चौधरी और बद्रीलाल को पकड़कर महिदपुर पुलिस के हवाले कर दिया। शुरूआती पूछताछ में पता चला है कि श्रुति मूलरूप से कोटागुडम तेलंगाना की रहने वाली है और उसके कुछ साथी अभी भी फरार हैं।
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