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सुरजपुर

बाघ की दहाड़ से थर्राया छत्तीसगढ़ का यह इलाका, 2 दर्जन गांवों में हाईअलर्ट

बिहारपुर के जंगलों से निकलकर बस्तियों में पहुंचा बाघ, मिले पंजे के निशान, गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान ने दर्जन भर गांवों में किया हाई अलर्ट जारी

सुरजपुरDec 05, 2017 / 11:21 am

rampravesh vishwakarma

Tiger in forest

Tiger in forest

सूरजपुर. जिले का सीमावर्ती गांव बिहारपुर ‘बाघ की दहाड़’ से थर्रा उठा है। बीते करीब एक हफ्ते से यहां बाघ ने दर्जनों मवेशियों का शिकार किया है। शुरुआती दिनों में लकड़बग्घा मानकर गांववाले मामले को कमतर आंक रहे थे। लेकिन पंजों के निशान से गांव में बाघ के आमद-रफ्त की पुष्टि होने के बाद से गांव वाले सहमे हुए हैं। वन विभाग ने भी सीमावर्ती करीब एक दर्जन गांवों में हाई-अलर्ट जारी कर दिया है। गांववालों के जंगल में जाने पर भी रोक लगा दी गई है।

गुरूघासीदास राष्ट्रीय उद्यान कोरिया द्वारा चांदनी बिहारपुर अभ्यारण्य क्षेत्र के लिए महुली परिक्षेत्र के प्रभारी अधिकारी बुद्धेश्वर यादव उप वन परिक्षेत्राधिकारी एवं महुली निवासी पप्पू जायसवाल ने बताया कि लम्बे समय से क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा सूचना दी जा रही थी कि संरक्षित वन्य प्राणी बाघ के द्वारा ग्रामीणों के पालतू मवेशियों का शिकार किया जा रहा है।
ग्रामीणों की सूचना को संज्ञान में लेकर मृत मवेशियों पर हुए हमले और मौके पर मिले पंजों की जांच की गई। विशेषज्ञों द्वारा बाघ के पंजे होने की पुष्टि किए जाने पर चांदनी-बिहारपुर क्षेत्र के अभ्यारण्य एरिया से लगे दर्जनों गांवों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
खोहिर, महुली, कोल्हुआ, अवंतिकापुर, चोंगा, करौंटी, बैजनपाट, तेलईकछार, कछिया, घुईडीह, छतरंग, रसौंकी, उमझर, नवडीहा, खैरा, केवरा, बसनारा, मोहरसोप, कैलाशपुर और कछिया समेत अन्य नजदीकी गांवों में शेर के आमदरफ्त की संभावना जताते हुए ग्रामीणों को सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है।
 

Footprint of Tiger
दशकों बाद ग्रामीणों ने सुनी दहाड़
लगभग 13-14 वर्ष पूर्व चांदनी बिहारपुर क्षेत्र के जंगलों में खूंखार जंगली जानवर बाघ और चिता की दहाड़ सुनने को मिली थी। उसके बाद अभी क्षेत्र में पंजों के आधार पर बाघ की आमद-रफ्त होने और पालतू मवेशियों पर हमला कर अपना शिकार बनाने की पुष्टि हो रही है।
इस क्षेत्र से बाघ और चीते जैसे संरक्षित वन्य प्राणियों का पुराना रिश्ता रहा है। ग्रामीणों ने मौके पर मिले पंजों के निशान की सूचना अभ्यारण्य पार्क महुली के डिप्टी रेंजर बीआर यादव को दी थी।

सोमवार को किए दो शिकार
सोमवार को ग्राम खोहिर निवासी रामशरण सिंह के दो मवेशी जंगल में विचरण कर रहे थे। काफी देर तक जब उनके मवेशी नजर नहीं आए तो उन्होंने खोजबीन शुरू की। इस दौरान उन्हें पता चला कि शेर ने उनके दोनों मवेशियों का शिकार कर दिया है।
जिले में जानवरों का प्रकोप
इन दिनों जिले में पूरी तरह से जंगली जानवरों से प्रभावित हो चुका है। वर्षों से हाथियों का प्रकोप जिले के ग्रामीण क्षेत्र में है। इसी बीच बिहारपुर वनाचंल क्षेत्र मे अब बाघ होने की बात सामने आ रही है। ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक जिले के दूर अंचल एवं वनपरिक्षेत्र क्षेत्र बिहारपुर मे एक सप्ताह से जंगली बाघ गांव गांव में घूमते नजर आ रहा है।

ग्रामीणों ने दी थी सूचना
ग्रामीणों द्वारा गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को लगभग ३ दिन पहले क्षेत्र में संभावित रूप से बाघ होने की सूचना दी गई थी। अगले ही दिन जंगल विभाग के अधिकारियों द्वारा जाकर उसके पांव का पंजा मिलाकर शेर होने की पुष्टि की गई।

गांव में जारी किया गया हाई अलर्ट
क्षेत्र में बाघ होने की पुष्टि हो गई है। हमने पंजों की तस्वीरें भी ली हैं। गांववालों को सतर्क भी कर दिया गया है कि वे जंगलों में न जाएं एवं रात में घरों से बाहर न निकलें। लंबे समय बाद क्षेत्र में बाघ के आने की जानकारी मिली है।
बुद्धेश्वर यादव, डिप्टी रेंजर

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