डिजीटल युग के इस दौर में यह पेड़ मोबाइल कंपनियों के टॉवर की तरह काम कर रहा है। बताया जा रहा है कि इस गांव में कहीं भी नेटवर्क नहीं है। इस पेड़ के नीचे आते ही भरपूर नेटवर्क बताता है। यहां पहुंचकर आप मोबाइल के जरिए किसी से बात कर सकते हैं या कोई भी डाटा लोड कर सकते हैं।
शुक्रवार को काफी संख्या में शिक्षकों ने इस पेड़ पर टैबलेट टांगकर उसमें यूडीआईएसई डेटाबेस ऐप अपलोड किए। जिस संकुल में शिक्षक इस काम के लिए आए थे वहां यह ऐप डाउनलोड नहीं होता। इस पेड़ से शिक्षकों की यह परेशानी आधे घंटे में दूर कर दी।
जिले में
डिजिटल इंडिया का कार्यक्रम नेटवर्क की वजह से पूरी तरह से सक्सेज नहीं हो पा रहा है।
नेटवर्क का आलम यह है कि कई ग्रामों में अभी तक किसी भी मोबाइल कंपनी के टावर ढंग से काम नहीं करते हैं। ऐसा ही एक क्षेत्र है प्रेम नगर का कोटेया ग्राम। वैसे तो कोटेया को शैक्षणिक दृष्टिकोण से संकुल का दर्जा दिया गया है। इस संकुल में क्षेत्र के कई विद्यालय जुड़े हैं। आज 20 अप्रैल को कोटिया संकुल में एक नया नजारा देखने को मिला।
शासन द्वारा यूडीआईएसई डेटाबेस ऐप लोड कर स्कूलों की सारी जानकारी संग्रहित की जा रही है लेकिन नेटवर्क के अभाव में निर्धारित समय अवधि में वह ऐप्स डाउनलोड ही नहीं हो पा रहा है। क्षेत्र में नेटवर्क की स्थिति को जानने वाले लोगों ने यह खोज निकाला की कोटेया संकुल के एक सुनसान जगह पर एक पेड़ है।
उस पेड़ के नीचे नेटवर्क बेहतर ढंग से काम करता है तो संकुल के समस्त शिक्षक अपने अपने टैबलेट लेकर उस पेड़ के पास पहुंच गए और निर्धारित समय अवधि में डाटा लोड करने के लिए नेटवर्क चालू किया और अपना अपना टैबलेट उस पेड़ पर टांग दिया।
11 से 2 बजे की बीच ऐप करना था डाउनलोड
इस तरह का नजारा देखने के बाद जब इसकी खोज की गई तो संकुल के लोगों ने बताया कि आज 20 अप्रैल को सूरजपुर जिले में अभियान चलाकर यूडीआईएसई डेटाबेस ऐप डाउनलोड किया गया। इसमें कोटेया संकुल भी शामिल था। संकुल में डाटा लोड करने के लिए समस्त शिक्षकों को 11 बजे बुलाया गया था।
11 से 2 बजे के मध्य यह ऐप लोड करना था। लगभग आधे घंटे में लोड होने वाले इस ऐप के लिए प्रॉपर नेटवर्क का बेहतर होना आवश्यक है तो उन्होंने उस पेड़ पर पेड़ पर टैबलेट टांगकर आधे घंटे में एप्स को डाउनलोड किया और अपने अपने विद्यालयों की पूरी जानकारी इसमें लोड की।