सूरत

ACPC : तकनीकी कॉलेजों में प्रवेश 50% भी नहीं, 24,270 में से 13,637 सीटें खाली

सूरत. एक समय था जब एमबीए और एमसीए को स्टेट्स सिंबल कोर्स मना जाता था। लेकिन अब इसमें भी विद्यार्थियों को रुचि नहीं रही है। एमबीए के 14 कॉलेजों में 1,769 सीटें हैं, इनमें से 1,324 खाली है। एमसीए के 7 कॉलेजों में 1,083 सीटें हैं, जिनमें से 672 सीटें रिक्त पड़ी है। गुजरात के डिग्री-डिप्लोमा इंजीनियरिंग, एमबीए, एमसीए, आर्किटेक्चर, फार्मेसी और पैरा-मेडिकल कोर्स की प्रवेश प्रक्रिया अंतिम चरण में है। पिछले पांच सालों की तरह इस साल सभी कोर्स में रिक्त पड़ी सीटें संचालकों के लिए परेशानी का कारण बन गई है।

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Sep 08, 2023
ACPC : तकनीकी कॉलेजों में प्रवेश 50% भी नहीं, 24,270 में से 13,637 सीटें खाली

दक्षिण गुजरात में सभी तकनीकी कॉलेजों को मिलाकर कुल 24,270 सीटों के सामने 10,633 सीटों पर ही विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है, जबकि 13,637 सीटें खाली पड़ी हैं। ज्यादातर तकनीकी कॉलेजों में 50 प्रतिशत सीटें भी नहीं भर पाई। गुजरात के तकनीकी कॉलेजों में प्रवेश देने का जिम्मा एडमिशन कमेटी फॉर प्रोफेशनल कोर्सेस (एसीपीसी) को सौंपा गया है। एसीपीसी पिछले तीन माह से सभी तकनीकी कोर्स की ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया कर रही है। डिग्री-डिप्लोमा इंजीनियरिंग, एमबीए, एमसीए, आर्किटेक्चर, फार्मेसी और पैरा-मेडिकल कोर्स में प्रवेश के औसत दो राउंड पूरे हो चुके हैं।

- बंद होने की कगार पर कॉलेज :
दक्षिण गुजरात में 28 डिप्लोमा इंजीनियरिंग कॉलेजों में 11,218 सीटें हैं, जिनमें 5,208 सीटें खाली पड़ी है। 25 डिग्री इंजीनियरिंग में 9,898 सीटों में से 6,220 सीटें रिक्त पड़ी है। आर्किटेक्चर कॉलेज की हालत तो और भी दयनीय नजर आ रही है। दक्षिण गुजरात में 5 आर्किटेक्चर कॉलेजों में 302 सीटें है, जिसमें से 213 सीटें खाली पड़ी है। सूरत के वेसू में स्थित विद्या मंदिर कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर को इस साल विद्यार्थी नहीं मिलने पर बंद कर दिया गया। ऐसा ही हाल अन्य कॉलेज का रहा तो दक्षिण गुजरात में और भी आर्किटेक्चर कॉलेज बंद हो जाएंगे।
- यह कारण जिम्मेदार :
रिक्त सीटों के मामले में प्राध्यापकों का कहना है कि इसके पीछे कई सारे कारण जिम्मेदार हैं। हर साल कॉलेज और सीटों की संख्या में बढ़ोतरी होना, पढ़ाई के अनुसार प्रदेश में रोजगार नहीं मिलना, स्थानीय उद्योगों के अनुसार स्किल कर्मचारी तैयार नहीं हो पाना और पाठ्यक्रम की गुणवत्ता में कमी के चलते विद्यार्थी सीटें होने पर भी प्रवेश लेने से कतरा रहे हैं।
- सीटें भरना मुश्किल :
सीटों को भरने के लिए अब ऑफलाइन प्रक्रिया का सहारा लिया जा रहा है। इसमें भी सिर्फ सरकारी और अनुदानित सीटों के लिए ही विशेष प्रवेश प्रक्रिया की जा रही है। एसीपीसी प्रत्येक राउंड के बाद रिक्त सीटों का मैट्रिक्स जारी करती है। जिसके अनुसार दक्षिण गुजरात के 78 तकनीकी कॉलेजों में 24,270 सीटें हैं, इनमें से 13,627 सीटें खाली पड़ी है। इसका मतलब अधिकतर कॉलेजों में 50 प्रतिशत विद्यार्थियों से भी कम ने प्रवेश लिया है।

Published on:
08 Sept 2023 07:42 pm
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