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‘कोयलड़ी’ सी कूक भरती 133 बेटियों के होंगे पीले हाथ

सूरत. शहर के अब्रामा स्थित पीपी सवानी चैतन्य विद्या संकुल में रोशनी की जगमगाहट के बीच ‘कोयलड़ी’ सामूहिक विवाह सम्मेलन में जहां 133 बेटियां दाम्पत्य सूत्र में बंधेंगी वहीं, वहां कई अनूठे सामाजिक सुधार के प्रयोग भी होंगे। दो दिवसीय विवाह उत्सव की शुरुआत 20 दिसंबर को होगी और इसमें गुजरात समेत 4 राज्यों की […]

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हर बार की तरह इस बार भी पीपी सवानी परिवार के सामूहिक विवाह सम्मेलन में होंगे कई अनूठे सामाजिक सुधार के प्रयोग

सूरत. शहर के अब्रामा स्थित पीपी सवानी चैतन्य विद्या संकुल में रोशनी की जगमगाहट के बीच ‘कोयलड़ी’ सामूहिक विवाह सम्मेलन में जहां 133 बेटियां दाम्पत्य सूत्र में बंधेंगी वहीं, वहां कई अनूठे सामाजिक सुधार के प्रयोग भी होंगे। दो दिवसीय विवाह उत्सव की शुरुआत 20 दिसंबर को होगी और इसमें गुजरात समेत 4 राज्यों की हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई बेटियां विधिविधान से अपना जीवनसाथी का वरण करेगी और ससुराल जाएंगी।विवाह उत्सव की जानकारी में परिवार के महेश सवानी ने बुधवार को बताया कि समारोह की शुरुआत में श्रेष्ठ सास दीप प्रज्ज्वलित करेगी। समारोह में वर-वधू को आशीर्वाद देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, उप मुख्यमंत्री हर्ष संघवी समेत अन्य कई राजनीतिक व्यक्ति, साधु-संत समेत पद्मश्री सम्मानित 16 गणमान्य व अन्य आमंत्रित मेहमान मौजूद रहेंगे। गत 18 वर्षों से जारी पिता की छत्रछाया खो चुकी बेटियों के विवाह की इस अनूठी परंपरा में सवानी अभी तक 5 हजार 539 बेटियों के पालक पिता बन चुके हैं और 20 व 21 दिसंबर को ऐसी ही 133 बेटियां दाम्पत्य सूत्र में बंधने के बाद कोयलड़ी बनकर अपने नए घर जाएगी। समारोह में एक मुस्लिम जोड़े का निकाह और एक ईसाई युगल भी नए जीवन में प्रवेश करेंगे।

90 फीसदी के पिता और भाई नहीं

विवाह समारोह में शादी करने वाली 133 दुल्हनों में से 90% ऐसी हैं, जिनके पिता और भाई दोनों नहीं हैं। इस वर्ष भी मुस्लिम, ईसाई और दिव्यांग सहित विभिन्न 37 जातियों की 133 बेटियां उनके ससुराल जाएंगी, जो 4 राज्यों और 17 जिलों से हैं। बेटियों के चयन के लिए कई मापदंड निर्धारित हैं, जिनमें सबसे पहली प्राथमिकता बेटी के पिता न हों, उसके बाद उन बेटियों को प्राथमिकता दी जाती हैं, जिनके भाई न हों। समारोह में 'आरोहण', 'प्रेरणामूर्ति' और 'कोयलड़ी' पुस्तकों का भी विमोचन किया जाएगा।

‘सेवा संगठन’ एप शुरू करेंगे मुख्यमंत्री

पीपी सवानी परिवार संचालित इस सेवा गतिविधि से करीब 11 हजार वर-वधू का एक बड़ा परिवार बन चुका है। इस परिवार को एकसूत्र में पिरोने और एक-दूसरे के सहयोगी बनने के लिए डिजिटल रूप देकर ‘सेवा संगठन’ एप तैयार किया गया है और इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल समारोह में करेंगे। वर-वधू दोनों के परिवारों के बीच सामंजस्य बनाने के उद्देश्य से वर-वधू की सास एक साथ अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज, छपैया की धार्मिक यात्रा पर भी भेजी जाएगी, ताकि दोनों के बीच आपसी समझ, सम्मान व पारिवारिक भाव को मजबूती मिले।

विवाह से पहले थैलेसीमिया परीक्षण अनिवार्य

लग्न कुंडली बनवाने से पहले मौजूदा दौर में दंपती का रक्त परीक्षण कराना भी आवश्यक सा बन गया है। यदि थैलेसीमिया और सिकलसेल रोग से ग्रसित दंपती दाम्पत्य सूत्र में बंधते हैं तो संभावना रहती है कि उनके बच्चों को भी यह रोग विरासत में मिल सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि इन रोगों का जोखिम बच्चों पर न पड़े और दंपती का जीवन स्वस्थ रहे, इस उद्देश्य से विवाह उत्सव में शामिल सभी जीवनसाथी के रूप में चयनित युवक-युवतियों का थैलेसीमिया के लिए रक्त परीक्षण किए जाने की नई चिकित्सकीय परंपरा भी शुरू की गई है।