- गंभीर मरीजों को स्मीमेर कर रहे रेफर - मांग पूरी नहीं होने तक हड़ताल पर अड़े रेजिडेंट डॉक्टर
न्यू सिविल अस्पताल के मेडिसिन विभाग में कार्यरत 30 रेजिडेंट डॉक्टर 20 सितंबर से अपने ही विभाग के एचओडी के विरोध में हड़ताल पर हैं और एक सप्ताह बाद भी काम पर नहीं लौटे हैं। सिविल के मेडिसिन विभाग आने वाले गंभीर मरीजों को स्मीमेर अस्पताल रेफर किया जा रहा है। अस्पताल अधीक्षक से सोमवार को रेजिडेंट डॉक्टरों की बातचीत हुई, जिसमें कुछ रेजिडेंट ने पिछले दिनों वेतन में कटौती और डे ऑफ नहीं मिलने से नाराजगी की बात कही।
न्यू सिविल अस्पताल के मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. के. एन. भट्ट पर खराब व्यवहार का आरोप लगाते हुए 30 रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। सूरत गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. ऋतंभरा मेहता ने रेजिडेंट डॉक्टरों को वापस लौटने के निर्देश दिए हैं, लेकिन रेजिडेंट एचओडी को हटाने की मांग पर अड़े हैं। सूत्रों ने बताया कि मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. भट्ट ने छात्रों के विरोध के बाद उनके संबंध में सभी निर्णय लेने के लिए तीन प्रोफेसरों की नियुक्ति की है और मेडिकल कॉलेज डीन को पत्र सौंपा है। इसमें डॉ. अश्विन वसावा को एकेडेमिक शिड्यूल, डॉ. अमीत गामित को ड्यूटी शिड्यूल और डॉ. राजीव पंड्या को उपस्थिति, डे ऑफ और छुट्टियों संबंधी निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया है। इसके बाद भी रेजिडेंट डॉक्टरों ने वापस ड्यूटी ज्वॉइन नहीं की है। कॉलेज प्रशासन सख्त लहजे में रेजिडेंट डॉक्टरों को ज्वॉइन करने या टर्मिनेट करने की बात कह चुका है। रेजिडेंट डॉक्टरों ने सोमवार शाम को अस्पताल अधीक्षक डॉ. गणेश गोवेकर से मुलाकात कर अपनी परेशानी बताई। गौरतलब है कि डीन डॉ. ऋतंभरा मेहता ने कॉलेज में रेजिडेंटों के विरोध की जानकारी अहमदाबाद के अधिकारियों को भेज दी है। मेडिसिन विभाग में ओपीडी में सामान्य मरीजों को इलाज मिल रहा है। वहीं गंभीर मरीजों को स्मीमेर अस्पताल रेफर करने की व्यवस्था की गई है।
कोर्ट तक जाने की बात पर भडक़े अधीक्षक
रेजिडेंट डॉक्टरों के ग्रुप से कुछ सीनियर ने अपनी समस्याओं को लेकर अस्पताल अधीक्षक डॉ. गणेश गोवेकर से मुलाकात की। कुछ रेजिडेंट ने पिछले दिनों वेतन कटौती का मामला उठाते हुए कोर्ट तक जाने की बात कही। इस पर डॉ. गोवेकर ने रेजिडेंट को डांटते हुए सही तरीके से बात रखने की हिदायत दी।
रेजिडेंट डॉक्टर अपनी समस्या बताने के लिए आए थे। उच्च स्तरीय जांच के बाद रिपोर्ट अधिकारियों को भेजी जाएगी। रेजिडेंट डे ऑफ नहीं मिलने तथा वेतन में कटौती समेत अलग-अलग समस्या बता रहे हैं। रेजिडेंट मेडिकल कॉलेज प्रशासन के अंतर्गत आते हैं, इसलिए डीन ही छात्रों के संबंध में अंतिम निर्णय लेंगे।
डॉ. गणेश गोवेकर, अधीक्षक, न्यू सिविल अस्पताल, सूरत।