सूरत

CYCLONE N DARIYA GANESH समुद्री तूफान और दरिया गणेश के बीच क्या है खास रिश्ता?

गणेश आदि देव क्यों हैं, यह समझने के लिए आना होगा सूरत, जब भी समुद्री रास्ते से चक्रवात के रूप में आफत ने सूरत का रुख किया, दरिया गणेश ने हर लिया उसका बल

2 min read
Nov 04, 2019
patrika

विनीत शर्मा

सूरत. विघ्नहर्ता शिवपुत्र गणेश आदि देव क्यों हैं, यह समझना है तो चले आइए सूरत। सूरत आए बगैर यह दरिया गणेश और समुद्री तूफान के बीच के खास रिश्ते को समझना खासा मुश्किल है। समुद्र किनारे रह रहे सूरती जानते हैं कि आदिदेव गणेश भक्तों पर आई मुसीबतों को पलभर में कैसे हर लेते हैं। समुद्र किनारे रह रहे लोगों के लिए दरिया गणेश उस तटरक्षक की तरह हैं जो हर बार उनके ऊपर आ रही मुश्किलों को सूरत का किनारा भी छूने नहीं देते।

समुद्री तूफानों और दरिया गणेश के बीच एक खास तरह का रिश्ता है। अन्य जगहों पर तबाही मचाने के बाद चक्रवातों ने जब-जब सूरत का रुख किया, दरिया गणेश ने उन्हें दायरे के भीतर घुसपैठ तक नहीं करने दी है। लोगों की इस मान्यता को उस वक्त बल मिला जब ओखी चक्रवात सूरत किनारे पहुंचने से पहले ही अचानक निष्क्रिय हो गया था।

ओखी चक्रवात से तबाही की आशंका को लेकर जब सूरत समेत पूरा गुजरात थर्राया हुआ था, सूरत आश्चर्यजनक रूप से सुरक्षित बच गया था। जैसे ही ओखी सूरत के नजदीक पहुंचा, वह अचानक समुद्र में समा गया। जब इस संकट के टलने की जानकारी लोगों तक पहुंची, बड़ी संख्या में लोग दरिया गणेश के दर्शन के लिए पहुंच गए थे।

इसी वर्ष जून माह में भी कमोबेश ऐसे ही हालात बने थे, जब वायु चक्रवात तेजी से सूरत की ओर बढ़ रहा था। चक्रवात के पहुंचने से पहले ही शहर में तेज हवाएं और बारिश का दौर शुरू हो गया था। उस समय भी दरिया गणेश की सीमा से पहले ही वायु ने रास्ता बदल लिया था। उस समय भी लोगों ने इस संकट से बचाने के लिए दरिया गणेश का आभार माना था। जानकारों के मुताबिक लोग मानते हैं कि दरिया गणेश समुद्र के रास्ते सूरत का रुख करने वाली आफतों को समुद्र का किनारा भी छूने नहीं देते हैं। लोगों को उम्मीद है कि इस बार भी दरिया गणेश चक्रवात महा को शहर में घुसने से पहले ही शहर पर गहराया संकट टाल देंगे।

Published on:
04 Nov 2019 09:25 pm
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