गांव से एक किलोमीटर दूर लाइसेंसी माइंस पर एकत्रित कर रहे खनिज, प्रतिदिन 10 से 15 डम्पर निकाल रहे अवैध माल, खुलेआम चल रही अवैध माइनिंग, खान विभाग को पता ही नहीं, ओवरलोड डम्पर से गांव की सडक़ें टूटी, ब्लास्टिंग से मकानों में आई दरारें
उदयपुर. जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर घासा क्षेत्र के विठोली गांव में खनन माफियाओं के साथ मिलकर खातेदार अवैध माइनिंग कर फेल्सपार निकाल रहे हैं। दिन रात अवैध खनन से ओवरलोड डम्पर के कारण गांव की सडक़ें टूट गई है, वहीं मिट्टी उडऩे से ग्रामीणों का घरों के बाहर निकलना दूभर हो गया। ब्लास्ंिटग से कई मकानों में दरारें तक आ गई है। इतना नहीं, यह फेल्सपार गांव से करीब एक किलोमीटर दूर लीगल माइंस में एकत्रित कर गुजरात बेचा जा रहा है। इतने वृहद स्तर पर हो रहे अवैध खनन के बावजूद खान विभाग की नजर नहीं पडऩा कई सवालिया निशान खड़े कर रहा है।
अवैध रूप से खनन घासा के रख्यावल के विठोली में करीब 15 खातेदारों की जमीन में चल रहा है। इन खातेदारों ने जमीन को खनन माफियाओं को दे रखा है, जो दिन रात वहां पर अवैध रूप से माइनिंग कर प्रतिदिन 20 से 25 डम्पर मिट्टी व फेल्सपार निकाल रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन खातेदारों के नाम करीब 100 बीघा जमीन है, जिसमें से करीब 10 बीघा जमीन पर यह अवैध खनन कर चुके हैं। प्रतिदिन खनन से वहां इतने गहरे गड्ढे कर चुके हैं कि लीगल माइंस में भी इतने गहरे गड्ढे नहीं है।
विठोली में खातेदारों की जमीन से करीब 10 से 15 डम्पर अवैध रूप से खनिज निकाला जा रहा है। खनन माफियाओं ने वहां पर एलएनटी मशीनें व डम्पर तक लगा रखे हैं। बताया जा रहा है कि वहां पर 10 चक्कों के डम्पर से माल भरा जा रहा है। 18 टन की क्षमता वाले डम्पर में करीब 30 से 35 टन ओवरलोड माल भरकर ले जाया जा रहा है। ओवरलोड डम्पर के कारण गांव की समस्त सडक़ें टूट गई है तथा मेघवालों की बस्ती में तो कच्ची सडक़ होने से वहां दिनभर मिट्टी उडऩे से ग्रामीणों का बाहर निकलना भी दूभर हो गया है।
खातेदारोंं की जमीन से निकाला गया फेल्सपार गांव से करीब एक किलोमीटर ही दूर स्थित लीगल माइंस में एकत्रित किया जा रहा है। इस माइंस में पानी भरा हुआ है। खातेदारों व खनन माफिया व माइंस मालिक के बीच की कड़ी के बीच यह माल 1000 हजार से 1200 रुपए प्रति टन के भाव गुजरात में बेचा जा रहा है।