गत 6 अक्टूबर की रात को आरोपित महेश व दिनेश ने राकेश को गोवर्धनविलास क्षेत्र के गमेरबाग के पास सट्टे के पैसे के हिसाब किताब के बहाने बुलाया। राकेश के आते ही महेश ने बातचीत के दौरान ही पास से फायर कर दिया। राकेश उस वक्त अपनी एक्टिवा पर बैठा था। उसे गिराकर भागा लेकिन गोली सीने में लगने से वह कुछ दूरी पर ही गिर गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। आरोपित घटना के बाद मोटरसाइकिल से फरार होकर उदियापोल पहुंचे, वहां रैनबसेरे में सोए। सुबह उठकर राजसमंद के खमनोर चले गए। वहां से वापस उदयपुर आए। यहां जब उन्हें राकेश की मौत की जानकारी हुई तो दोनों अलग हो गए। दिनेश आगरा भाग निकला जबकि महेश अम्बाजी गुजरात चला गया। पुलिस ने महेश को उसके परिजनों की मदद से उसे बुलवाकर गिरफ्तार किया।
हत्याकांड के बाद समाजजन के आक्रोश को देखते हुए एएसपी बृजेश सोनी के नेतृत्व में उपाधीक्षक ओमकुमार, सीआई रवीेन्द्रचारण, स्पेशल टीम प्रभारी शैतानसिंह नाथावत, एसआई हनुवंतङ्क्षसह, साइबर सेल प्रभारी गजराज, हेैडकांस्टेबल सुरेश मीणा, सुखदेव, पर्वतसिंह, तेजसिंह, कांस्टेबल प्रहलाद, अखिलेश, योगेश, गणेश, सलीम, यशपाल, मनोहर, कमलेश व गोवर्धनविलास थानापुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका रही। टीम ने अथक प्रयास के बाद महज तीन दिन में हत्याकांड का खुलासा किया।