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2020 से राजा जन्मेजय बस स्टैंड से ही होगा बसों का संचालन

नए वर्ष से शहरवासियों को जाम की परेशानी से निजात मिल सकेगी। कारण पुराने बस स्टैंड को स्थाई रुप से खाली किए जाने के निर्देश नगर पालिका की ओर से अधिकारिक रुप से जारी किए जा सकते हैं।

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2020 से राजा जन्मेजय बस स्टैंड से ही होगा बसों का संचालन

2020 से राजा जन्मेजय बस स्टैंड से ही होगा बसों का संचालन

नगर पालिका जल्द जारी करेगी निर्देश
नागदा। नए वर्ष से शहरवासियों को जाम की परेशानी से निजात मिल सकेगी। कारण पुराने बस स्टैंड को स्थाई रुप से खाली किए जाने के निर्देश नगर पालिका की ओर से अधिकारिक रुप से जारी किए जा सकते हैं। जिसके बाद से बायपास मार्ग स्थित राजा जन्मेजय बस स्टैंड से ही सभी बसों का संचालन किया जाएगा। मामले को लेकर परिषद की बैठक में चर्चा की गई। जिसमें पक्ष व विपक्ष द्वारा इस बात को स्वीकारा गया कि, पुराने स्टैंड से बसों का संचालन होना शहर की यातायात व्यवस्था को खराब कर रहा है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल करीब 3 करोड़ की लागत से बने राजा जन्मेजय बस स्टैंड का निर्माण शहरवासियों को अंतरराज्यीय बस स्टैंड की सुविधा देने के उद्देश्य से किया गया। जिससे शहरवासियों को इंदौर, गुजरात व राजस्थान की बसें आसानी से उपलब्ध हो सके। लेकिन बीते वर्ष कांग्रेस विधायक की मांग पर पुराने बस स्टैंड पर बसों के पांच मिनट के स्टापेज की अनुमति दे दी गई थी। परेशानी यह है कि, अनुमति के बाद से बस संचालक मनमानी पूर्वक बसों को पुराने स्टैंड पर खड़ा कर संचालित करने लगे। जबकि नए बस स्टैंड बनाए जाने का उद्देश्य शहरवासियों को सुगम यातायात सुविधा मुहैया करवाना है।
यातायात व्यवस्था बिगडऩा है परेशानी
शहर से प्रतिदिन करीब डेढ़ हजार यात्री बसों से सफर करते है। जिसमें उज्जैन, इंदौर, आलौट, महिदपुर, नीमच, मंदसौर, राजस्थान, गुजरात की ओर यात्रा करने वाले यात्री हैं। बसों की आवाजाही पुराने स्टैंड से होने से शहर की यातायात व्यवस्था खराब हो जाती है। वहीं शहर के प्रमुख मार्गों पर जाम की स्थिति निर्मित होती है। यातायात व्यवस्था को सुधारने के उद्देश्य से बायपास मार्ग स्थित भूमि पर नगर पालिका द्वारा बस स्टैंड का निर्माण किया गया।
स्कूली वाहनों को दुर्घटना का खतरा
विड़बना यह है कि, पुराने स्टैंड पर प्रतिघंटे की औसतन एक बस पहुंचती है। उक्त बस एक से आधे घंटे का स्टापेज लेकर अपने गंतव्य की ओर रवाना होती है। ऐसे में दोपहर को 1 से 2 बजे का समय स्कूली बच्चों की छुट्टी का होता है। कई बच्चे स्कूली वाहनों और निजी वाहनों से पुराना स्टैंड होकर घर जाते हैं। बसों के खड़े होने से दुर्घटना का भय बना रहता है।
इनका कहना-
नए वर्ष से बसों के संचालन किए जाने को लेकर बस संचालकों से चर्चा की जाएगी। मामले को लेकर कांग्रेस विधायक से भी चर्चा कर बस संचालकों में समन्वय बैठाने की कोशिश की जाएगी। नगर पालिका भवन के समीप से बसों के जमावड़े से ट्राफिक व्यवस्था खराब होती है।
सतीश मटसेनिया