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विलंब नहीं चलेगा पीएचडी अवॉर्ड में

पीएचडी अवॉर्ड को समय-सीमा में करने की कवायद चल रहीं हैं। समय पर उपाधि देने के लिए इसे लोकसेवा गांरटी में लाने का प्रस्ताव उच्चशिक्षा विभाग ने शासन को दिया हैं।

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Delay will not be allowed in PhD Award

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उज्जैन. पीएचडी शोध प्रबंध जमा करने के बाद सभी प्रक्रिया पूर्ण होने पर उपाधि प्रदान करने की समय-सीमा तय की जा रहीं है। इसके अलावा मार्कशीट भी अब आवेदन करने के 15 दिन के अंदर देनी होगी। उच्च शिक्षा विभाग ने शासन को पीएचडी अवॉर्ड को लोकसेवा गांरटी में लाने का प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव में थीसिस जमा करने के बाद तय अवधि में पीएचडी अवॉर्ड नहीं होने पर कुलसचिव पर पांच हजार जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। शासन द्वारा अधिसूचना के बाद प्रस्ताव को सभी विश्वविद्यालयों में लागू कर दिया जाएगा। मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय एक्ट के अनुसार अभी रिसर्च स्कॉलर को थीसिस जमा होने के बाद 180 दिन के अंदर पीएचडी अवॉर्ड करनी होती है। इसकी हकीकत यह है कि थीसिस जमा होने के एक से दो साल बाद तक पीएचडी अवॉर्ड हो पाता था। इस बीच रिसर्च स्कॉलर से लेकर गाइड तक विश्वविद्यालय का चक्कर काटते हैं। इसके अलावा विवि एक्ट में पीएचडी अवॉर्ड करने की समय सीमा तो तय की गई थी, लेकिन यह तय नहीं किया गया था कि समय सीमा में अवॉर्ड नहीं होने पर किसके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी। इसी के चलते विश्वविद्यालय लेटलतीफी करते थे। आने वाले दिनों में अब ऐसा नहीं चल सकेगा। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इसे लोक सेवा गारंटी योजना में लाने और अर्थदंड निर्धारित करने से अब विश्वविद्यालय देरी नहीं कर सकेंगे।

तय की सभी की जवाबदारी
उच्च शिक्षा विभाग ने पीएचडी अवॉर्ड करने की प्रक्रिया को भी लोक सेवा गारंटी योजना के अधीन लाने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा है। इसके तहत यदि रिसर्च स्कॉलर द्वारा थीसिस जमा करने के 270 दिन के अंदर विश्वविद्यालय पीएचडी अवॉर्ड नहीं करता है तो कुलसचिव पर पांच हजार रुपए का जुर्माना किया जाएगा। इसके अलावा मार्कशीट भी अब आवेदन करने के 15 दिन के अंदर देनी होगी। उच्च शिक्षा विभाग ने पीएचडी अवॉर्ड करने की प्रक्रिया को लोक सेवा गारंटी योजना के अधीन लाते हुए सभी की जवाबदारी भी तय कर दी है। थीसिस जमा होने के 15 दिन के भीतर परीक्षकों का पैनल तैयार किया जाएगा। इसके अगले 15 दिन में थीसिस को परीक्षक तक पहुंचाना अनिवार्य होगा।60 दिनों में परीक्षक को मूल्यांकन कर इसकी रिपोर्ट तैयार करनी होगी। इसके बाद एक महीने के भीतर वायवा आयोजित कर अगले 15 दिन में पीएचडी अवॉर्ड करने संबंधित नोटिफिकेशन जारी करना होगा। इस संबंध हर अपडेट विश्वविद्यालय रिसर्च स्कॉलर को उसके रजिस्टर्ड मोबाइल पर भेजेगा। इससे छात्र को बार-बार विश्वविद्यालय आकर अपडेट नहीं लेना होगा। थीसिस जमा करने के 270 दिन में पीएचडी अवॉर्ड नहीं की तो कुलसचिव पर पांच हजार जुर्माना लगेगा।