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उज्जैन. मांग के अनुसार यूरिया की सतत आपूर्ति नहीं होने की वजह से किसानों में इसको लेकर जद्दोजहद है। कई बार तो यूरिया नहीं मिलने से किसानों की फजीहत भी हो जाती है। घंटों कतार में खड़े होने के बाद एक बार में मुश्किल से चार बोरी यूरिया ही मिल रहा है। गुरुवार को चिमनगंजमंडी स्थित कृषि उपज मंडी के विक्रय केंद्रों पर अन्नदाता की लम्बी-लम्बी कतार लगी रही।रबी की फसल के लिए किसानों को यूरिया की आवश्यकता है। निरंतर आवक नहीं होने के कारण मांग के अनुसार पूर्ति नहीं हो पा रही है। यूरिया का संकट कम होने की जगह बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को कृषि उपज मंडी खुली तो उपज लेकर आए किसान यूरिया के लिए भटकते नजर आए। मंडी परिसर में चार संस्थाओं में यूरिया आया था। यूरिया की एक-एक बोरी के लिए किसान कतार में लगे रहे। उपज बेचने आए किसानों के कतार में लगने का क्रम सुबह 9 बजे से शुरू हो गया था। जिले की 22 सहकारी संस्थाओं में 35 हजार सदस्य हैं। जब उन्हें वहीं से यूरिया नहीं मिलता तो वे भटकते-भटकते मंडी में आते हैं। यहां कुछ निजी तो कुछ सहकारी संस्थाएं हैं जिन्हें यूरिया प्रदाय किया जाता है।
अफसरों ने लक्ष्य तय नहीं किया
किसान शेरसिंह मकवाना का कहना है कि कृषि विभाग के अफसरों ने यूरिया की मांग/आवश्यकता का लक्ष्य तय नहीं किया। एेसी स्थिति में यूरिया की आपूर्ति निरंतर नहीं होने के कारण किसान परेशान हैं। कृषि विभाग ने बोवनी के रकबे अनुसार यूरिया की मांग नहीं की।
इसलिए बढ़ रही है यूरिया की मांग
किसानों का कहना है कि यूरिया की दरकार सिंचाई के वक्त होती है। गेहूं की बोवनी करने के बाद सिंचाई के समय यूरिया मिल जाए तो पौधे की बढ़वार अच्छी तरह से होती है। यूरिया मिलने में दो-चार दिन की देरी होने पर सिंचाई में भी देरी हो जाती है। इसका असर गेहूं के पौधों पर पड़ता है। आपूर्ति के लिए सतत प्रयास कृषि उपसंचालक सीएल केवड़ा ने बताया यूरिया की सप्लाई के लिए सतत प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने किसानों से सेवा सहकारी संस्थाओं से यूरिया लेने का आग्रह किया। साथ ही यह भी कहा है कि यूरिया के लिए सरकार ने जो कीमत तय की है उससे ज्यादा न दें। कोई इससे ज्यादा कीमत ले रहा है तो शिकायत दर्ज कराएं।
Published on:
05 Dec 2019 10:13 pm
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