
Mahakal Temple Ujjain : उज्जैन स्थित बाबा महाकाल के मंदिर में पास से दर्शन और भस्म आरती में प्रवेश के नाम पर धोखे का धंधा फल-फूल रहा है। 2022 के बाद इसमें तेजी आई तो 4 साल में भस्मारती और मंदिर में प्रवेश के नाम पर 100 से ज्यादा शिकायत मंदिर समिति और महाकाल पुलिस को मिली। लेकिन मंदिर समिति व पुलिस की उदासीनता से इन शिकायतों में से अब तक सिर्फ 21 पर ही एफआइआर दर्ज हो सकी। एक भी केस में आरोपी दोषी साबित नहीं हो सका। ऐसी उदासीनता है कि 79 शिकायतों पर कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस को मिली 100 शिकायतों में से अधिकतर में श्रद्धालुओं ने शिकायत मंदिर समिति से की, पर 35 से अधिक शिकायतों पर केस दर्ज करने समिति ने थाने को कहा ही नहीं। दिसंबर में ही ठगों के तार मंदिर समिति से जुड़े मिले। 17 आरोपियों पर कार्रवाई की गई थी। इसमें पंडे-पुजारी और मंदिर के कर्मचारी भी थे।
श्रद्धालु थाने में शिकायत कर अपने शहर लौट गए। पुलिस ने बाद में जब उन्हें फोन किया तो कई ने कहा, दो हजार रुपए की ठगी में केस दर्ज कराने उज्जैन नहीं आ सकते। कई ने कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। समय रहते यदि मंदिर समिति और पुलिस ने संज्ञान लिया होता तो कार्रवाई होती और आरोपी गिरफ्त में होते, पर ऐसा नहीं हुआ।
व्यवस्थाएं बेहतर की हैं। दिसंबर में ही 17 पर केस दर्ज किया। सख्त सजा दिलाने तकनीकी और ठोस साक्ष्य जुटाए। 11 को जेल भी भेजा है।- प्रदीप शर्मा, एसपी उज्जैन
लोक अभियोजक कुलदीप भदौरिया का कहना है, कई मामले ट्रायल में हैं। किसी मामले में दोषी को सजा नहीं हुई है।
अधिकतर मामलों में पुलिस की सही जांच नहीं हुई। वह कई बार समय पर चालान पेश नहीं कर पाती। ऐसे में हो रही धोखाधड़ी में अपराधी को सजा नहीं मिल पा रही। सजा मिलेगी तो भय पैदा होगा। मंदिर समिति को लीगल सेल विंग बनानी चाहिए। यह विंग मंदिर की आर्थिक, भस्म आरती और दर्शन संबंधी धोखाधड़ी के मामले में कार्रवाई करे। दर्शन व्यवस्था का व्यापक प्रचार-प्रसार करना होगा। अभी अधिकतर को दर्शन व्यवस्था की जानकारी नहीं रहती।- वीरेंद्र शर्मा, सीनियर एडवोकेट
Published on:
28 Mar 2025 08:21 am
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