तत्काल प्रभाव से लागू हुआ राहत का आदेश
नगरीय निकाय एवं आवास विभाग भोपाल के आयुक्त सह सचिव निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने 30 अक्टूबर को जारी आदेश में लिखा है कि दीपावली पर्व के दौरान स्थानीय, ग्रामीण करीगरों एवं गरीब महिलाओं द्वारा संचालित स्व-सहायता समूहों से निर्मित मिट्टी व गोबर के दीपक, दीपमालाएं सहित अन्य सामग्री पर नगर निगम, नगर पालिका व नगर परिषद क्षेत्र में बेचने पर स्थानीय कर से छूट दी जाती है। 07 नवम्बर तक सभी निकाय क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण, स्थानीय कौशल एवं स्व-रोजगार को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से बाजार एवं तह बाजारी शुल्क से मुक्त किया जाता है। यह आदेश दीपावली पर्व के उपलक्ष्य में तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
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अब किसी भी जिले में उलझन नहीं
सरकार की ओर से आदेश जारी होने के बाद अब उज्जैन संभाग के सभी जिलों में समान रूप से माटी के दीपक एवं सामग्री बेचने वालों को राहत मिल जाएगी। आदेश के पूर्व तक उज्जैन, रतलाम एवं देवास जैसे अहम जिलों में उलझन बनी हुई थी, स्थानीय प्रशासन छूट पर निर्णय नहीं कर पा रहा था तो कुम्हार समाज की ओर लगातार मांग की जा रही थी। हालांकि संभाग के मंदसौर, नीमच एवं शाजापुर जिले में कलेक्टर्स ने इस बाबद छूट के आदेश जारी कर दिए थे, लेकिन बड़े जिलों में नहीं होने के कारण समान रूप से लाभ नहीं मिल रहा था तो आगर-मालवा जिले में सिर्फ व्यवस्थागत आदेश ही जारी किए गए थे, अब सभी जगह समान आदेश होगा।
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पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया मुद्दा, एक आदेश में सुलझा
कोरोनाकाल की मार और आर्थिक तंगी के हालातों के बीच मिट्टी के दीपक एवं सजावटी व पूजन सामग्री बेचने वालों से स्थानीय कर के नाम पर रुपए लिए जा रहे थे। इसे लेकर जब स्थानीय कारीगरों व ग्रामीणों ने अपनी मांग रखी तो पत्रिका ने इसे प्रमुखता से उठाया, क्योंकि प्रदेशभर में एकसमान रूप से निर्णय नहीं हो रहा था। कहीं छूट तो कहीं इंतजार ही कराया जा रहा था। लगातार समाचार और जिम्मेदरों से सीधे सवाल-जवाब के बाद आखिरकार सरकार की ओर से ही प्रदेशभर के लिए आदेश जारी हो गए हैं।
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धन्यवाद, पत्रिका…उठाई जनता की आवाज
कोरोनाकाल ने हर वर्ग को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया है, ऐसे में प्रोत्साहन की बेहद आवश्यकता है। प्रदेशभर में मिट्टी से बनी सामग्री बेचकर परिवार चलाने वाले लाखों परिवार और लोग है। पत्रिका ने हमारी मांग को प्रमुखता से उठाया, सरकार की ओर से आदेश जारी हुए है, सभी का धन्यवाद।
– अशोक प्रजापत, जिलाध्यक्ष प्रजापति चौरासी संघ, उज्जैन