
फ्रीगंज में एक पुराने भवन में संचालित हो रहा है नापतौल विभाग का जिला और संभागीय कार्यालय। आम लोगों को इस कार्यालय का पता ही नहीं मालूम है।
अनिल मुकाती
उज्जैन. उपभोक्ताओं से सीधे संबंध रखने वाले नाप-तौल विभाग में अब भी परंपरागत तौर पर ही शिकायत दर्ज करने की व्यवस्था है, जबकि लगभग सभी विभाग ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर रहे हैं। उपभोक्ताओं को पेट्रोल पंप से लेकर सब्जी खरीदी, किराना लाने, मॉल से खरीदी सहित अन्य जगहों पर कई बार ठगी का शिकार होना पड़ रहा है। वजन कम होने का पता लगने पर जब उपभोक्ता शिकायत करने की सोचता है तो उसे कोई रास्ता नजर नहीं आता। पहले उसे संबंधित विभाग का पता खोजना होता है, फिर कार्यालयीन समय में वहां जाकर लिखित में आवेदन देना होता है। इसके बाद संबंधित विभाग कार्रवाई के लिए निकलता है, लेकिन आम उपभोक्ता इन सब झमेलों में पड़कर अपना समय बर्बाद करने की बजाय चुप रहना पसंद करता है। उपभोक्ताओं का कहना है कि अगर नाप तौल विभाग भी पोर्टल/मोबाइल ऐप पर शिकायत लेने लग जाए तो लोगों को शिकायतों के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। इसके अलावा स्थानीय हेल्पलाइन नंबर जारी किए तो और भी सहूलियत होगी।
शहर सहित पूरे उज्जैन संभाग में हजारों प्रतिष्ठान हैं, जहां रोजाना हजारों उपभोक्ता खरीदी करते हैं। इन्हें सही दाम और सही मात्रा में सामान मिले, यह देखने के लिए नापतौल विभाग है, लेकिन अमले की कमी के कारण विभाग समय पर उचित कार्रवाई नहीं कर पा रहा, इस कारण उपभोक्ता ठगी का शिकार हो रहे हैं। उज्जैन जिले में सिर्फ तीन ही निरीक्षक हैं। संभाग के अन्य जिलों में भी यही हाल है। वहीं संभागीय कार्यालय पर भी सिर्फ सात लोगों का ही स्टाफ है। हालांकि समय-समय पर अमले द्वारा जांच की कार्रवाई की जाती है, लेकिन यह नाकाफी है।
ऐसा होता है उपभोक्ताओं के साथ, इसलिए शिकायत नहीं करते
पेट्रोल कम मिला, कहां और कैसे होगी शिकायत
मुनि नगर निवासी रामबाबू गेहलोत ने बताया कि उन्होंने अपनी बाइक में आगर रोड स्थित पेट्रोल पंप से तीन लीटर पेट्रोल डलवाया। इसके बाद वे आगर गए, लेकिन लौटते वक्त रास्ते में बाइक में पेट्रोल खत्म हो गया, जबकि तीन लीटर पेट्रोल में तो बाइक करीब 180 किमी तक चल सकती है। ऐसे में वे पंप पर गए और कर्मचारी से शिकायत की। लेकिन कर्मचारी ने उनकी बात नहीं मानी और विवाद करने लगा। इस पर गेहलोत ने शिकायत करने की सोची, लेकिन संबंधित विभाग के बारे में जानकारी नहीं होने पर वे शिकायत नहीं कर सके। गेहलोत के अनुसार नापतौल विभाग को भी ऑनलाइन शिकायत लेना चाहिए या फिर पेट्रोल पंप और अन्य प्रतिष्ठानों पर विभागीय अधिकारियों के संपर्क नंबर लिखना चाहिए।
50 ग्राम कम निकली तुवर दाल
महानंदा नगर निवासी सुभाष पटेल ने बताया कि वे शहर की एक बड़ी दुकान से एक किलो तुवर दाल लेकर आए। घर आकर उन्होंने देखा तो उन्हें वजन कुछ कम लगा। इस पर उन्होंने पास ही एक दुकान पर वजन किया तो यह 950 ग्राम ही निकला। इस पर वे पैकेट लेकर दुकान पर गए। यहां दुकानदार से बात की तो वह मानने को तैयार नहीं हुआ। इसके बाद कांटे पर वजन किया तो वहां एक किलो ही बताया। इस पर उन्होंने शिकायत करने का मन बनाया। पहले तो ऑनलाइन सर्च किया, लेकिन यहां सफलता नहीं मिली। फिर फ्रीगंज स्थित कार्यालय के लिए निकले, लेकिन शाम होने के कारण कार्यालय बंद हो चुका था। ऐसे में वे संबंधित व्यापारी की शिकायत ही नहीं कर पाए।
सीएम हेल्पलाइन का सहारा, लेकिन इसमें भी त्वरित निराकरण नहीं
कम तौल की शिकायत के लिए उपभोक्ता सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से शिकायत कर सकते हैं। इसके माध्यम से संबंधित विभाग को शिकायत ट्रांसफर की जाती है। लेकिन इसमें भी काफी वक्त लग जाता है, यहां भी त्वरित निराकरण नहीं हो पा रहा है। दूसरी बात यह है कि छोटी-छोटी चीजों के लिए आम आदमी सीएम हेल्पलाइन का सहारा नहीं लेता। स्थानीय स्तर पर ही शिकायत का निराकरण हो जाए , इसी मंशा के कारण उपभोक्ता शिकायत नहीं करते।
यह है नापतौल विभाग के कार्य
तौल के बांट, नाप एवं माप इत्यादि उपकरणों का समय अवधि में मुद्रांकन/सत्यापन का काम ताकि उपभोक्ताओं को सही मात्रा में सामग्री मिले। समय-समय पर व्यापारिक संस्थान के संचालक एवं अन्य व्यक्ति जो कि नाप, माप उपकरणों का उपयोग करते हैं उनको निर्धारित अवधि की समाप्ति के पूर्व नोटिस देना तथा उनके उपकरणों का फिर सत्यापन करना। सत्यापन एवं अन्य शुल्क की वसूली करना, बांट, माप, पैकेज, कमोडिटीज का अपने क्षेत्र के अंतर्गत आकस्मिक निरीक्षण करना। निरीक्षण पर त्रुटिपूर्ण एवं नियम विरुद्ध प्रचलित उपकरणों/पैकेजों को जब्त करना और नियमानुसार कार्रवाई करना।
ऑनलाइन शिकायत लेने की व्यवस्था नहीं है
कम तौल की शिकायत के लिए उपभोक्ता कार्यालय में आकर लिखित में शिकायत कर सकते हैं। इस पर त्वरित निराकरण का प्रयास किया जाता है। विभाग की ओर ऑनलाइन शिकायत लेने की कोई व्यवस्था नहीं है। उपभोक्ता सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
संजय पाटनकर, निरीक्षक, नापतौल विभाग
Published on:
22 Feb 2022 07:15 pm
बड़ी खबरें
View Allउज्जैन
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
