
रेलवे की रियायत शुरू करने की मांग को लेकर प्रबंधन में विचार-मंथन, कुछ भागों में शुरू हो सकते हैं रेलवे कंसेशन
उज्जैन. दो साल पहले रेलवे में 49 प्रकार की श्रेणी में रियायतें जारी थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण बंद हुई ट्रेनों के चलते सभी प्रकार की रियायतें अस्थाई रूप से बंद कर दी गई थी। अब जब स्थिति सामान्य होने लगी और लोगों को कई प्रकार की छूट दी जाने लगी तो रेलवे रियायतों को फिर से शुरू करने की मांग जोर पकडऩे लगी। उम्र दराज लोगों के संगठन रेलवे के वरिष्ठ अफसरों के साथ मंत्री तक को आवेदन कर रहे हैं। अधिकारियों को प्रेषित आवेदन में स्पष्ट रूप से लिखा गया कि अब जब स्थिति सामान्य हो रही है और सरकार इसे स्वीकार करते हुए लोगों को हर प्रकार की छूट दे रही है, जिसमें विवाह या अन्य समारोह में बेहिसाब लोगों को आमंत्रित करने या इकट्ठा होने की इजाजद दे रही है, तो रेलवे की रियायतें क्यों शुरू नहीं की जा रही है। आवेदन में यह भी लिखा है कि रियायतें केवल कोरोना काल के लिए बंद की गई थी, जो सरकारी ओदश के हिसाब से अब लगभग समाप्त होने को है। इन आवेदनों पर रेलवे में विचार-मंथन शुरू हो गया हे और कुछ भागों में रियायतें फिर शुरू किए जाने के संकेत मिल रहे हैं।
पहले चरण में मरीज और वृद्ध
रेलवे के वरिष्ठ सूत्र बता रहे हैं कि पहले चरण में सीनियर सिटीजन, मरीज और छात्रों की रियायतें शुरू की जा रही है। कुछ दिन पूर्व रेल मंत्रालय में हुई चर्चा के बाद इन तीनों श्रेणी के कंसेशन को शुरू करने की योजना तैयार हो चुकी है। हालांकि ये तीनों श्रेणी की रियायतें अगले वित्तीय वर्ष में शुरू की जाएंगी। बता दें कि मरीजों की श्रेणी में भी कई खंड हैं, जैसे कैंसर, थेलेसिमिया, हृदय रोगी, किडनी, हिमोफिलिया, टीबी, गैर संक्रमित कोढ़ रोगी, अधरांगघात, दृष्टिहीन, मानसिक आदि शामिल है। इन मरीजों को रेलवे एक परिचारक के साथ यात्रा करने पर तृतीय वातानुकूलित कोच तक मूल किराए में 75 प्रतिशत की रियायत देता है। जबकि द्वितीय व प्रथम श्रेणी के वातानुकूलित कोच में 50 प्रतिशत की रियायत दी जाती है। केवल गूंगे एवं बहरे मरीजों को रेलवे प्रत्येक श्रेणी के कोच में 50 प्रतिशत की रियायत देता है।
बदल सकती है रियायत की दर
सूत्र यह भी बता रहे हैं कि अब तक दी जाने वाली रियायतें के प्रतिशत में भी बदलाव हो सकता है। मसलन मरीजों की दी जाने वाली 75 प्रतिशत रियायत को घटाकर 50 प्रतिशत किया जा सकता है, जबकि जिन श्रेणी के यात्रियों को 50 प्रतिशत रियायत दी जाती है उसे भी घटाकर 30 से 40 प्रतिशत की जा सकती है। इस मामले में इसी महीने रेल मंत्री बोर्ड के साथ बैठक कर निर्णय ले सकते हैं।
Published on:
09 Feb 2022 12:50 am
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