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1.72 किमी में 13 टॉवर और तीन स्टेशनों के बीच रोप पर दौड़ेगी ट्रॉलियां

न्यूनतम 13 से अधिकतम 54 मीटर ऊंचे टॉवर लगेंगे, प्रोजेक्ट को स्वीकृति के बाद भूमि भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई होगी, रोप-वे निर्माण के लिए हाल ही में 188.95 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिल गई है।

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Trolleys will run on rope between 13 towers, three stations in 1.72 km

1.72 किमी में 13 टॉवर और तीन स्टेशनों के बीच रोप पर दौड़ेगी ट्रॉलियां

उज्जैन.

आशीष एस. सक्सेना

बाबा महाकाल के भक्तों के लिए शहर के पहले रोप-वे को स्वीकृति मिलने के साथ ही रोप-वे कॉरिडोर को अधिसूचित भी कर दिया गया है। परियोजना क्रियान्वयन के लिए राज्य शासन ने नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड को अधिक्रत किया है। उज्जैन रलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर त्रिवेणी संग्रहालय तक बनाए जाने वाले रोप-वे को लेकर अब कॉरिडोर में वो स्थान चिन्हित होंगे जहां स्टेशन बनाए व टॉवर लगाए जाएंगे। इसके बाद भूमिअधिग्रहण के लिए कार्रवाई शुरू होगी।

१८८.९५ करोड़ की स्वीकृति मिली

रोप-वे निर्माण के लिए हाल ही में 188.95 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिल गई है। मौजूदा रोपवे के विकास, संचालन और रखरखाव के लिए हाईब्रिड एन्यूटी मोड के तहत 188.95 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की है।

श्रद्धालु ५४ मीटर ऊपर से देखेंगे शहर

१. तीन स्टेशन के बीच रोप-वे- रोप-वे के लिए तीन स्टेश बनेंगा। पहला स्टेशन रेलवे स्टेशन माल गोदाउन के नजदीक, दूसरा महाकाल मंदिर त्रिवेणी संग्रहालय क्षेत्र व तीसरा रूद्र सागर पैदल ब्रिज क्षेत्र के नजदीक बनेगा। यहां चेजिंग रूम व बोर्डिंग भी प्रस्तावित है।
२. १.७२ किमी लंबी रोप होगी- तीनों स्टेशनों के बीच करीब १.७२ मीटर लंबी रोप रहेगी जिस पर ट्राली यात्रियों को एक से दूसरे स्टेशन पर लाना-लेजाना करेगी। रोप-वे कहीं भी रेलवे लाइन को क्रास नहीं करेगा।
३. १३ टॉवर का सहारा- रोप को सहारा देने के लिए स्टेशन के बीच कुल १३ टॉवर खड़े किए जाएंगे। पहला टॉवर स्टार्टिंग पाइंट से ०२८ मिलोमीटर पर व आखिरी १.७२ किमी पर रहेगा।
४. १३ से ५४ मीटर तक ऊंचाई- टॉवर्स की ऊंचाई आवश्यकता अनुसार अलग-अलग होगी। सबसे छोटा टॉवर १३ मीटर ऊंचा रहेगा। यह ८ वे नंबर का टॉवर होगा। सबसे बड़े टॉवर की ऊंचाई ५४.२८० मीटर रहेगी। यह चौथे नंबर का टॉवर होगा। पहले टॉवर की ऊंचाई १४.२ मीटर वहीं आखिरी टॉवर की १९.८० रहेगी। एक टॉवर के निर्माण में करीब पांच बाय पांच मीटर क्षेत्र की जरूरत होगी। प्रत्येक टॉवर के बीच औसत करीब ३०० मीटर का अंतर रहेगा।
५. ७ मीटर में दूरी तय- रोप-वे खासकर तीर्थयात्रा के दौरान भीड़भाड़ को कम करने में मदद करेगा। श्रद्धालुओं महाकाल मंदिर जाने के लिए सडक़ मार्ग का उपयोग नहीं करना पड़ेगा। वे ट्रेफिक, गलियों में जाम आदि से बचेंगे। रोप-वे स्टेशन से मंदिर तक की यात्रा के समय को घटाकर 7 मिनट तक कर देगा।
इनका कहना
रोप-वे के लिए स्वीकृति मिल चुकी है। भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई केलिए के लिए संबंधित एजेंसी से स्थल चिन्हित कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का कहा है।
- एलएन गर्ग, एसडीएम