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नागदा रेलवे स्टेशन पर हंगामा: भोजन से बदबू आई तो सेना के जवानों ने फेंक दिए पैकेट्स

जवानों से भरी ट्रेन में हथियारों के साथ अन्य जरूरी संसाधन थे, डेढ़ घंटे तक प्लेटफॉर्म पर खड़ी रही ट्रेन

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Uproar at Nagda railway station: When the food smelled, the army perso

जवानों से भरी ट्रेन में हथियारों के साथ अन्य जरूरी संसाधन थे, डेढ़ घंटे तक प्लेटफॉर्म पर खड़ी रही ट्रेन

नागदा. देशवासियों की रक्षा में सीमा पर मुस्तैद रहने वाली सेना की मेहमानवाजी करने में रेलवे फीसड्डी साबित हुई। गुजरात में चुनाव संपन्न कराकर इलेक्शन एक्सप्रेस से अरुणाचल प्रदेश के गुवाहाटी लौट रही एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) की बटालियन को नागदा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म 1 पर संचालित फूड प्लाजा से दोयम दर्जे का भोजन परोसा। फूड प्लाजा प्रबंधन की अधूरी तैयारी का नतीजा यह रहा कि एसएसबी जवानों के लिए बनाया भोजन कम पड़ गया। जिस पर फूड प्लाजा प्रबंधन को हाथों-हाथ गरमा-गरम भोजन बनाकर सैनिकों को खिलाना पड़ा। जवानों से भरी इस ट्रेन में हथियारों के साथ अन्य जरूरी संसाधन भी थे, ऐसे में हर बोगी के बाहर एक बंदूकधारी जवान को पूरे लिबाज में ट्रेन के खड़े रहने तक तैनात रखा। करीब डेढ़ घंटे तक ट्रेन प्लेटफॉर्म पर खड़ी रही। ट्रेन के अंदर किसी भी सिविलियन को जाने की इजाजत नहीं थी। ट्रेन के नागदा खड़ी रहने तक पूरे प्लेटफॉर्म को छावनी में तब्दील कर दिया।
एसएसबी जवानों से भरी ट्रेन से पहले दोपहर करीब 1.17 बजे पहुंची सीआरपीएफ जवानों की ट्रेन में भी खराब भोजन परोसा गया है, जिसकी लिखित शिकायत सीआरपीएफ कमांडेंट प्रदीपकुमारसिंह ने रेलवे से की है। इस ट्रेन में 659 पैकेट वितरित किए गए थे। देश के वीरों के साथ हुए इस कृत्य की खबर फैलते ही रेलवे तत्काल हरकत में आ गई। सभी जवानों का भोजन होने तक ट्रेन को रेलवे स्टेशन पर ही खडा रखा गया। दोपहर करीब 2.30 बजे ट्रेन रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई थी। सभी जवानों का भोजन होने के बाद करीब 4.30 बजे ट्रेन आगे के लिए रवाना हुई। इस बीच इस प्लेटफॉर्म पर आने वाली पार्सल पैसेंजर को प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर शिफ्ट किया गया। सुरक्षा के लिहाज से आरपीएफ को भी रेलवे स्टेशन पर पूरे समय तैनात रखा गया।
प्लेटफॉर्म पर लगी भोजन से भरे पैकेट्स की कतार
जवानों को भोजन में आलू-छोले की सब्जी, दाल, चावल, रोटी-पुड़ी व मीठे में गुलाब जामुन परोसा था। इसमें आलू-छोले की सब्जी बुरी तरह बदबू मार रही थी। खाने से बदबू आने पर कई जवानों को भोजन से भरे पैकेट प्लेटफॉर्म पर ही फेंकना पडे, कई जवानों ने पैकेट अपने कमांडर के पास जमा करा दिए। एसएसबी कमांडर ने भी लौटाए गए भोजन के पैकेट की एंट्री अपनी फाइल में करके रेलवे को सौंपी। फूड प्लाजा प्रबध्ंान की तरफ से रेटिंग कार्ड पर अफसरों से टिप लिखवाई गई, तब जाकर दोयम दर्जे का भोजन परोसने का खुलासा हुआ। खराब भोजन पर गुस्साएं कई जवानों ने तो यह तक कमेंट्स कर डाला कि ऐसा खाना तो जानवर को भी नहीं खिलाया जाता होगा।
रेलवे ने कहा- सैंपलिंग की, मीडिया ने फोटो-वीडियो मांगे तो नहीं दिखा पाए
सेना को खराब भोजन परोसने के इस मामले में रेलवे के स्थानीय अधिकारी मुंह में गोंद दबाकर बैठ गए। रेलवे के स्टेशन मास्टर से लेकर कोई भी नुमाइंदा कुछ कहने से बचता रहा। रेलवे की तरफ से तो यह तक बात फैला दी गई कि रतलाम से विभाग की एक टीम ने पहुंचकर खराब भोजन के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे है, इस पर जब मीडिया ने रेलवे अधिकारियों से फोटो-वीडियो मांगे तो अफसर कुछ नहीं दिखा पाएं। पत्रिका टीम ने भी फूड प्लाजा के अंदर जाकर देखा तो यहां पीछे मैदान में टेंट लगाकर गरमा गरम भोजन बनाकर पैक किया जा रहा था।
जवानों को खराब भोजन परोसने की जानकारी मिली है। पूर्व में भी फूड प्लाजा प्रबंधन द्वारा इस तरह की लापरवाही बरतने की शिकायत आपसे मिली है। इससे भी वरिष्ठों को अवगत कराया जाएगा।
खेमराज मीणा, पीआरओ, रेलवे, रतलाम