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यह कैसी बारिश, सड़को पर तैरने लगे लोग

आगर रोड स्थित छोटी कमल कॉलोनी, बड़ी कमल कॉलोनी, इंदिरनागर, रामघाट नौ खोली सहित कुछ निचली बस्तियों में पानी घरों में घुसा

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उज्जैन. कुछ दिन पहले तक मेहरबान नजर आ रहा मानसून अब सैकड़ों परिवारों के लिए कहर बनने लगा है। सड़क से लेकर घर के अंदर तक हर जगह पानी ही पानी मचा है, न खाने के ठिकाने बचे और न बैठने-सोने के। पानी ने कई परिवारों की गृहस्थी का सामान बर्बाद कर दिया और बादलों की हठ ने शहर की रफ्तार थाम दी है। कुछ सड़कों पर पानी इतना जमा हो गया कि लोग वहां डाइ लगाने और तैरने लगे।

बादलों ने जैसे न थमने की हठ पकड़ ली है, सात दिन से बारिश का दौर जारी है अब इसका असर जनजीवन पर पडऩे लगा है। शुक्रवार रात को आगर रोड स्थित छोटी कमल कॉलोनी, बड़ी कमल कॉलोनी, इंदिरनागर, रामघाट नौ खोली सहित कुछ निचली बस्तियों में पानी जमाहोकर घरों में घुस गया। इसके चलते देर रात प्रभावित परिवारों को बचाव के इंतजाम में जुटना पड़ा। प्रशासन ने रात में ही नौ खोली के प्रभावित परिवारों को ताबड़तोड़ नजदीक स्थित परमार क्षत्रीय धर्मशाला में विस्थापित किया। छोटी कमल कॉलोनी व आसपास के क्षेत्रों में शनिवार शाम तक घरों में घुटनों तक पानी जमा रहा। एेसे में लोगों का घरों में आराम से रहना तो दूर, खाने तक के लाले पड़ गए। कुछ लोगों ने पड़ोस या परिजनों के यहां रात बिताई। बारिश थमने के बाद भी घरों से पानी निकालने की मशक्कत जारी रही। बारिश के कहर के चलते कई प्रभावित परिवारों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है।

पेड़ पर फंसा वृद्ध, दल ने निकाला

रामघाट छोटे पुल के नजदीक एक वृद्ध ने पेड़ के नीचे डेरा डाल रखा था। बारिश के कारण नदी का पानी पुल के आगे सड़क तक पहुंच गया और लोगों द्वारा समझाइश के बाद भी वृद्ध ने जगह नहीं छोड़ी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वृद्ध जान बचाने पेड़ पर चढ़ गया। शनिवार सुबह बचाव दल ने मौके पर पहुंच पेड़ से वृद्ध को उतारा और पानी से बाहर लाए।

दूसरे दिन भी डूबे रहे घाट, बड़े पुल पर आवाजाही बंद

श्ुाक्रवार के बाद शनिवार को भी नदी के सभी घाट पानी में डूबे रहे। दूसरे दिन भी क्षिप्रा बडऩगर रोड बड़े पुल से करीब तीन फीट नीचे से बही। सुरक्षा के लिहाज से शुक्रवार रात को ही पुल पर से आवाजाही बंद कर दी गई थी जो शनिवार को भी बंद रही। नृङ्क्षसहघाट ब्रिज पर भी सुरक्षा बल को तैनात रखा गया और यहां लोगों को अधिक समय तक ठहरने नहीं दिया गया। इसके अलावा त्रिवेणी बैराज, गऊघाट बैराज आदि ओव्हरफ्लो ही रहे।

सड़कों पर लगे गोते

लगातार बारिश व जलस्तर बढऩे के कारण क्षिप्रा नदी का पानी रामघाट नौ खोली के सामने तक पहुंच गया। इससे नौ खोली के सामने की सड़क पर पांच फीट से अधिक पानी जमा हो गया। सड़क पर रखी गुमटी लगभग डूब गई। कुछ युवा पानी में मस्ती करने पहुंच गए और गुमटी पर चढ़कर सड़क पर जमे पानी में गोते लगाए।

कलेक्टर ने किया पंचामृत अभिषेक

नदी का रोद्र रूप शांत करने के लिए कलेक्टर शशांक मिश्र ने दूसरे दिन भी बड़ा उदासीन अखाड़ा पहुंच मां क्षिप्रा का पूजन, पंचामृत अभिषेक किया। अवंतिका तीर्थ पुरोहित राजगुरु रमाकांश जोशी के आचार्यत्व में राम जोशी, अंशुल जोशी व प्रांशुल जोशी ने क्षिप्रा नदी का पूजन करवाया। इसके बाद बड़ा उदासीन अखाड़े के मुकानी महंत श्यामदास महाराज व कलेक्टर मिश्र ने मां क्षिप्रा का चुनरी ओढ़ाई। पूजन के साथ ही कलेक्टर व अन्य ने अखाड़े की पहली मंजिल से क्षिप्रा और घाटों का अवलोकन किया।

बस्तियों में भेजा भोजन

बाड़ प्रभावितों के लिए महावीर इंटरनेशनल उज्जैन द्वारा देवास गेट बस स्टैंड के ऊपर स्थित महावीर भोजनशाला से सुबह 7 से शाम 7 बजे तक सैकड़ों पैकेट पूड़ी एवं सब्जी के बनाकर विभिन्न सामाजिक संस्थाओं को उपलब्ध कराए। भोजन पैकेट को संस्थाओं के माध्यम से डूब प्रभावित बस्तिायों में जरूरतमंदों तक पहुंचाया गया। संस्था अनुसार शनिवार शाम तक 2 हजार से अधिक पैकेट का वितरण किया गया। महावीर इंटरनेशनल वीर एवं वीरा केंद्र के अशोक भंडारी, राजेंद्र सिरोलिया, राजेंद्र हिंगड़, प्रकाश सेठिया, सुशील जैन, सतीश जैन आदि ने इस कार्य में भागीदारी निभाई।