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उज्जैन. स्कूल शिक्षा विभाग शिक्षकों के साथ बच्चों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए एम शिक्षा मित्र एप के जरिए ई-अटेंडेंस को अनिवार्य करने जा रहा है। विभाग ने इस संबंध में पूरी तैयारी कर ली है, बस शासन से आदेश का इंतजार है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि शिक्षक एप का उपयोग काम पूर्ति करते है। इस स्थिति में ई-अटेंडेंस के पालन पर संशय हैं। शिक्षा विभाग की आंतरिक पड़ताल के अनुसार जिले में २० से २५ प्रतिशत और प्रदेश में 55 फीसदी शिक्षक नियमित रूप से स्कूल नहीं जाते हैं। वहीं बच्चों की उपस्थिति जिले में 30 से 35 प्रतिशत और प्रदेश में 40 फीसदी पाई गई। इसके बाद शिक्षा विभाग ने स्कूली शिक्षकों के साथ बच्चों की उपस्थिति शिक्षा विभाग के एम शिक्षा मित्र एप पर करने का निर्णय लिया हैं। इसके लिए विभाग द्वारा बच्चों की उपस्थिति को एप के माध्यम से करने के लिए सॉफ्टवेयर को अपडेट किया जा रहा हैं। इसके बाद अब हर रोज शिक्षकों को अपनी उपस्थिति के साथ बच्चों की उपस्थिति को ई-अटेंडेंस के माध्यम से अपडेट करनी होगी। बताया जाता है कि सॉफ्टवेयर को अपडेट कर इसमें स्कूल के डायस कोड के साथ स्कूल का नाम/नंबर और बच्चों कीं संख्या दर्ज होगी। प्रतिदिन उपस्थित बच्चों की संख्या को इसमें अपडेट किया जाएगा। हर शिक्षक के पास लॉग इन व पासवर्ड होता है। वे स्कूल पहुंचकर अपनी उपस्थिति ई-अटेंडेंस में लगाएंगे। साथ ही कक्षा में उपस्थित बच्चों की संख्या भी प्रतिदिन दर्ज करेंगे।
दो वर्ष पहले बना एप, उपयोग नाममात्र
विभाग ने दो साल पहले एप बनवाया था, लेकिन शिक्षकों ने इसका विरोध किया। अलग-अलग बहाना बनाकर ऐप को डाउनलोड तक नहीं किया। जब शिक्षा विभाग के आदेश/निर्देश/परिपत्र एप पर जारी होने के साथ ही शिक्षकों के स्थानांतरण आदेश एप के माध्यम से भेजे जाने लगे तो यूजर्स की संख्या भी बढ़ गई। ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू हुई तो शिक्षक इस एप का उपयोग करने लगे। इसके अलावा एम शिक्षा मित्र ऐप के जरिए शिक्षकों की उपस्थिति, बच्चों की उपस्थिति, स्कूलों की जानकारी, सुविधाएं, राज्य, मंत्रालय और जिला शिक्षा विभाग से जारी निर्देश और सर्कुलर सभी की जानकारी तत्काल शिक्षकों को मिलती है। साथ ही पे स्लिप भी उपलब्ध होती है।
शिकायतों का निराकरण नहीं
इधर शिक्षकों का कहना है कि स्कूल शिक्षा विभाग ने भले ही शिक्षकों की सहूलियत के लिए एम शिक्षा मित्र एप 2018 में बनाया था। इसमें कई सुविधाएं भी दी गईं। एप के जरिए शिक्षकों को अपनी शिकायतें भी ऑनलाइन दर्ज करानी थीं। लेकिन एप के जरिए शिक्षकों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। हालांकि नए साल से विभाग एप पर शिक्षकों के साथ बच्चों की उपस्थिति भी ऑनलाइन दर्ज कराने की तैयारी में है। एप पर शिक्षक वेतन, स्थानांतरण, एरियर्स भुगतान या विभाग से संबंधित शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। अभी कई शिकायतें पेंडिंग हैं।
इनका कहना
स्कूलों की शिक्षा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार आवश्यक कदम उठाएं जा रहे हैं। बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति एम शिक्षा मित्र एप के माध्यम से लगाने का निर्णय स्कूली शिक्षा विभाग ने लिए हैं। शिक्षकों की ई-अटेंडेंस तो अनिवार्य है। आने वाले दिनों में बच्चों की ई-अटेंडेंस को अनिवार्य किया जाएगा। आदेश आते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
- गिरीश तिवारी, एडीपीओ राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन
Published on:
04 Jan 2020 10:46 pm
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