
Gas subsidy
नई दिल्ली। बजट प्रारूप करते वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि सरकार चाहती है कि अमीर लोग स्वेच्छा से ही गैस सब्सिडी छोड़ दें। हालांकि अभी तक इस बारे में कोई घोषणा नहीं की गई है।
इससे पहले खबरों के मुताबिक सरकार ऎसे लोगों को एलपीजी सब्सिडी नहीं देना चाहती जो आर्थिक रूप से समृद्ध हैं। फिलहाल सरकार की नजर उन लोगों पर है जिनकी वार्षिक आय 10-20 लाख रूपए है।
सूत्रों का कहना है कि वित्त मंत्रालय ने बजट 2015-16 में इस तरह का प्रस्ताव शामिल करने की सिफारिश की है। अगर इस सिफारिश को मान लिया जाएगा, तो 10 लाख रूपए से ज्यादा वार्षिक आमदनी वाले अथवा 20 लाख रूपए से ज्यादा वार्षिक आमदनी वाले लोगों को एलपीजी सब्सिडी बंद की जा सकती है।
रिपोर्ट्स की मानें तो देशभर में 20 लाख परिवार ऎसे हैं जिनकी सालाना आय 10 लाख रूपए से ज्यादा है जबकि 8 लाख परिवार ऎसे हैं जिनकी वार्षिक आमदनी 20 लाख रूपए से ज्यादा है। इसका मतलब है कि अगर सरकार 10 लाख रूपए सालाना आमदनी वाला नियम लागू करती है, तो 20 लाख परिवारों को गैस सब्सिडी नहीं मिलेगी। दूसरी ओर 20 लाख सालाना आय को आधार बनाया जाता है, तो 8 लाख परिवारों को बाजार दर पर एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध करवाया जाएगा।
सरकार ने शुरू से ही इस बात पर जोर दिया है कि एलपीजी सब्सिडी हो या फिर कोई और राहत, केवल उन्हीं लोगों को टार्गेट किया जाए, जो गरीब हैं। अमीरों, उद्योगपतियों, मंत्रियों और आर्थिक रूप से समृद्ध लोगों को इससे अलग रखा जाए। सरकार का कहना है कि अगर वित्तीय घाटे पर लगाम लगानी है, तो सब्सिडी में कटौती करनी ही होगी।
Published on:
28 Feb 2015 06:13 am
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