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सहारनपुर

सर्दियां बीती 29 हजार बच्चें स्वेटर का इंतजार ही करते रह गए

जिले के कई बेसिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों को नहीं पहुंच सकी धनराशि। इन बच्चों को सर्दी की ड्रेस के लिए पहुंचनी थी किश्त।

सहारनपुरFeb 24, 2022 / 11:20 pm

Shivmani Tyagi

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symbolic Pics of School Chalo Abhiyan Campaign

सहारनपुर। जिले के 29 हजार बच्चे स्वेटर का इंतजार ही करते रह गए और सर्दी निकल गई। बच्चों को समय पर स्वेटर मिल सकें इसके लिए सरकार ने निर्णय किया था कि इस बार धनराशि सीधे बेसिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों को भेजी जाएगी लेकिन यह भी संभव नहीं हो सका। करीब 29 हजार बच्चों के अभिभावकों के बैंक खाते में धनराशि ही नहीं पहुंच सकी।
बेसिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए सरकार स्वेटर मोजे जूते और ड्रेस देती थी। इस पूरी प्रक्रिया में लंबा समय लग जाता था और अक्सर सर्दी बीत जाने के बाद ही बच्चों तक स्वेटर पहुंचते थे। इस परेशानी से बचने के लिए सरकार ने डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना लागू की थी। इस योजना के तहत 1100 रुपए की धनराशि सीधे छात्रों के अभिभावकों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर होती है।

ये योजना इस सोच के साथ लागू की गई थी कि बच्चों को समय पर धनराशि पहुंच जाएं और वह अपनी सुविधा अनुसार स्वेटर जूते मोझे और ड्रेस खरीद सकें। ऐसा हुआ भी और समय पर छात्रों के अभिभावकों के बैंक खातों में पैसा पहुंच गया लेकिन कई स्कूलों के बच्चों और उनके अभिभावकों के आधार कार्ड बैंक खाते से लिंक ना होने की वजह से करीब 29 हजार छात्रों के अभिभावकों के खातों में पैसा ही नहीं पहुंच पाया। इसका असर यह हुआ कि पूरी सर्दी बीत गई लेकिन बच्चों को स्वेटर नहीं मिल सके। इस पूरे मामले पर बेसिक शिक्षा अधिकारी अमरीश कुमार का कहना है कि कुछ अभिभावकों ने अपने आधार कार्ड को खातों से सिंक नहीं कराया था और यही वजह रही कि उनके बैंक खातों में पैसा नहीं पहुंच सका। चौथे चरण में 21 हजार से अधिक अभिभावकों के बैंक खाते में पैसा पहुंचना है जल्द ही इस धनराशि को ट्रांसफर करा दिया जाएगा।
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