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गोरखपुर

गोरखपुर अस्पताल हादसा: मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य व पत्नी गिरफ्तार, डॉ. कफील के लिये छापेमारी

गोरखपुर के बीआरडी कॉलेज में बच्चों की मौत मामले में प्रिंसिपल और उनकी पत्नी गिरफ्तार की गयीं।

गोरखपुरAug 29, 2017 / 06:10 pm

रफतउद्दीन फरीद

Rajiv Mishra and Dr Purnima Shukla Arrested

राजीव मिश्रा और पूर्णिमा शुक्ला गिरफ्तार

गोरखपुर. यूपी के गोरखपुर में मासूम बच्चों की मौत मामले में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के निलंबित प्राचार्य डॉ. राजीव मिश्र व उनकी पत्नी डॉ. पूर्णिमा शुक्ला को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। दंपत्ति पर मेडिकल कॉलेज के बीते दिनों हुई ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले में एफआईआर दर्ज है। दोनों को कानपुर से गिरफ्तार किया गया है। दोनों पिछले कई दिनों से भूमिगत थे। गोरखपुर के सरकारी आवास पर तो घटना के अगले दिन से ही ये नहीं रह रहे थे। मामले में दूसरे आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ व स्थानीय पुलिस लगातार छापेमारी कर रही। पुलिस टीम बीआरडी भी पहुंची।
एसटीएफ गिरफ्तार डॉक्टर दंपत्ति को गोरखपुर ला रही। उनके अलावा हादसे की रात ऑक्सीजन सिलिण्डर की व्यवस्था कर हीरो बने डॉ. कफील की गिरफ्तारी के लिये भी गोरखपुर में कई जगह छापेमारी की गई। देर रात उनके घर पर भी छापेमारी की गई। इस सब पर कुछ दिन पहले ही प्रमुख सचिव की रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर एफआईआर दर्ज किया गया है।
सुनिये एसएसपी ने गिरफ्तारी को लेकर क्या कहा…

 

इन लोगों के खिलाफ हुआ है एफआईआर

आरोपी 1: लिक्विड ऑक्सीजन आपूर्तीकर्ता पुष्पा सेल्स का मनीष भंडारी

ये है आरोप: पुष्पा सेल्स में ऑक्सीजन की सप्लाई ठप कर दी थी। ऑक्सीजन जीवनरक्षक है। इसकी आपूर्ती बंद करना गुनाह है। इसके लिए आपूर्तीकर्ता मनीष भंडारी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था।
आरोपी 2,3,4 : लेखा विभाग के तीन कर्मचारी

ये है आरोप: लेखाविभाग भी मौत के मंजर की पटकथा लिखने में अहम सहयोग का गुनाहगार है। जिस कमीशन की बात हो रही उसकी नींव यहीं है। हालांकि, भेजी गई रपट के अनुसार इन पर आरोप है कि जब शासन से बजट आया तो प्राचार्य को बताने में लेटलतीफी की गई। उनके पास पत्रावली देर से पेश की गई। इन आरोपों में कार्यालय सहायक उदय प्रताप शर्मा, लिपिक संजय कुमार त्रिपाठी व सहायक लेखाकार सुधीर कुमार पांडेय की लिप्तता पाई गई। इस लिए इनके खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
आरोपी 5: निलंबित प्राचार्य डॉ. राजीव मिश्रा

यह है आरोप: रपट के अनुसार बीआरडी मेडिकल कॉलेज के निलंबित प्राचार्य डॉ. राजीव मिश्रा का अपने ही स्टाफ व सहयोगी डॉक्टर्स पर कोई प्रभाव नहीं। इनके आदेशों की अनदेखी तक करते रहे। प्राचार्य को सब पता होने के बाद भी ऑक्सीजन सप्लाई सुचारू रहे इसके लिए कोई पहल नहीं की गई। यहां तक कि आपूर्ति बंद होने की चेतावनी सम्बंधित सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी। हद तो यह कि मेडिकल कॉलेज में इतने बड़े संकट की आशंका को जानने के बाद भी 9 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के तत्काल बाद छुट्टी पर चले गए। उनपर खुद मुख्यमंत्री भी आरोप लगा चुके हैं कि वह दो दिन पहले चार घंटे तक मेडिकल कॉलेज में रहे लेकिन एक बार भी इस संभावित संकट पर चर्चा नहीं की। इसलिए इनपर केस दर्ज हुआ।
Rajiv Mishra
 

आरोपी 6: स्टॉक प्रभारी व एनेस्थीसिया के हेड डॉ.सतीश कुमार

यह है आरोप: रपट के अनुसार ऑक्सीजन की सप्लाई की सुनिश्चितता डॉ.सतीश कुमार पर ही थी। डॉ.सतीश ऑक्सीजन की उपलब्धता सम्बंधित व स्टॉक आदि के प्रभारी थे। लेकिन इन्होंने कभी भी स्टॉक रजिस्टर या लॉग बुक चेक करने की जहमत तक नहीं उठाई। कर्मचारियों के भरोसे सब रहा। हद तो यह कि जब ऑक्सीजन के लिए अफरातफरी मची थी, पूरे देश की निगाहें मेडिकल कॉलेज में थी तो वह बिना किसी आधिकारिक सूचना के मुंबई 11 अगस्त को चले गए। 100 बेड वाले एईएस वार्ड में एसी ख़राब होने की लिखित शिकायत के बाद भी इन्होंने कोई सक्रियता नहीं दिखाई। ऐसा आरोप रिपोर्ट में है। बताया जा रहा एसी ख़राब होने पर मासूम बच्चों के गर्मी से बेहाल होने का जिक्र लिखित रूप से हटाए गए प्रभारी डॉ.कफील ने दी थी। इसलिए इनपर केस हुआ।
आरोपी 7: डॉ.कफील खान

यह 100 नम्बर के प्रभारी थे। ऑक्सीजन ख़त्म होने की बात अधिकारियों तक समय से नहीं पहुंचाई। इसके अलावा इनपर प्राइवेट प्रैक्टिस का भी आरोप है। इसलिए ये भी इस मामले में आरोपी हैं और इनके खिलाफ भी केस दर्ज है।
Dr Kafil Khan
 

आरोपी 8: डॉ.पूर्णिमा शुक्ला

निलंबित प्राचार्य की पत्नी हैं। गोला में तैनाती के बाद खुद को मेडिकल कॉलेज में संबद्ध कराया गया। फ़ोन पर कर्मचारियों से कमीशन की मांग की जाती थी। आरोप है कि पेमेंट में लेटलतीफी में इनका भी योगदान था। ये मेडिकल कॉलेज में हर मामले में अवैध हस्तक्षेप करती थीं। ऑक्सीजन मामले में आरोपी बनाकर एफआईआर दर्ज कराया गया है।
Purnima Shukla
 

आरोपी 9: मेडिकल कॉलेज में तैनात चीफ फार्मासिस्ट गजानन जायसवाल

ये है आरोप: डॉ.सतीश कुमार के साथ आक्सीजन की उपलब्धता, लॉग बुक और स्टाक बुक का जिम्मा गजानन जायसवाल पर ही था। लॉग बुक व स्टॉक बुक में अनियमित इंट्री है। कई जगह आंकड़ों में बाजीगरी दिखाने के लिए ओवरराइटिंग भी हुई है।
by DHIRENDRA GOPAL

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