भारत कला भवन जो उत्तर भारत का अत्यंत महत्वपूर्ण कला संग्रहालय है यह भी नागरी प्रचारिणी सभा का है जिसे काशी हिंदू विश्वविद्यालय को संरक्षण, संवर्धन व विकास के लिए स्थानांतरित किया है। सभा ने 12 खंडों में हिंदी विश्वकोष की रचना कराई। शब्द सागर के नवीन संस्करण का प्रकाश कराया है जिसमें 1965 तक के व्यवहृत शब्दों को सम्मिलित कर लिया गया है। यह भी 12 भागों में प्रकाशित हुआ है। हिंदी साहित्य का इतिहास 16 भागों में प्रकाशित किया जा चुका है। इसके अलावा लगभग 500 आकर ग्रंथों का प्रकाशन जिसमें हुमायूंनामा, अकबरनामा, जहांगीरनामा, मुगल दरबार, जंगनामा, ह्वेनसांग, सुलेमान सौदागर, फाह्यान का यात्रा विवरण, प्राचीन मुद्रा राक्षस जैसे ग्रंथों का अनुवाद प्रस्तुत किया गया है।