वाराणसी

जानिए कौन है ISI का एजेंट राशिद, यहां की भेज चुका था पाकिस्तानी हैंडलर्स को जानकारी

मिलिट्री इंटेलिजेंस को जुलाई में लग गयी थी राशिद की भनक, सेना कैंप की सूचना देने पर मिले थे इतने रुपये

वाराणसीJan 20, 2020 / 03:08 pm

Devesh Singh

ISI Agent Rashid

वाराणसी. एंटी टेररिस्ट स्कवाड (ATS) ने बनारस से ISI एजेंट राशिद को सेना कैंपों की जानकारी व पीएम नरेन्द्र मोदी की रैली की फोटो व वीडियो को पाकिस्तान भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया है। राशिद एक साल से पाकिस्तान की खुफिया ऐजेंसी ISI के संपर्क में था। मिलिट्री इंटेलिजेंस को जुलाई 2019 में इसकी भनक लग चुकी थी और वह लगातार राशिद पर नजर रख रही थी उसकी सूचना पर सक्रिय हुई एटीएस ने सोमवार को राशिद को गिरफ्तार किया। इसके मोबाइल से कई सनसनीखेज खुलासा होने की उम्मीद है।
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चंदौली के मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के चौराहट गांव में राशिद अपने नाना जब्बार (70) व मां शहजादी के साथ रहता था। राशिद के नाना जब्बार मूल रुप से बनारस के प्रह्लाद घाट क्षेत्र में रहते थे लेकिन 20 साल पहले परिवार के साथ चौरहट में बस गये थे। जब्बार के दो बेटे व पांच बेटियां है। दो बेटे शमशीर व आलमगरी उन्हीं के साथ रहते हैं जबकि सबसे बड़ी बेटी हसीना की शादी पाकिस्तान के कराची में रहने वाले परिवार में हुई है वह वही रहती है। राशिद दूसरे नम्बर की बेटी शहजादी का बेटा है उसकी मां का पिता से तलाक हो चुका है इसलिए वह मां के साथ नाना के यहां रहता है। राशिद अपनी मौसी के यहां दो बार पाकिस्तान जा चुका है जहां से वह आईएसआई के संपर्क में आया था।
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मौसेरे भाई ने कराया था आईएसआई एजेंट से संपर्क
राशिद वर्ष 2017 और 2108-19 में दो बार पाकिस्तान गया था। दोनों बार वह कुल मिला कर तीन माह पाकिस्तान में रह चुका था इसी दौरान मौसरे भाई ने ही उसका आईएसआई से संपर्क कराया था। आईएसआई ने पैसा, गिफ्ट व शादी कराने का लालच देकर राशिद को भारतीय सेना की जानकारी देने को कहा था। राशिद ने जब जोधपुर मिलिट्री कैंप की जानकारी पाकिस्तान को देने पर एक लाख रुपये व प्रति माह 15 हजार रुपये देने को कहा गया था। राशिद को पांच हजार रुपये मिल चुके थे।
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ग्लो साइन बोर्ड बनाने का करता था काम, इन जगहों की भेजी थी जानकारी
बनारस के औरंगाबाद निवासी दानिश के यहां पर राशिद ग्लो साइन बोर्ड बनाने का काम करता था। राशिद जब पाकिस्तान गया था तो भारतीय सिम भी ले गया था जिस पर व्हाट्सऐप के जरिए व भारत से पाकिस्तान हैंडरों को सूचना भेजता था। राशिद की मोबाइल से मिली जानकारी के अनुसार उसने कैंट रेलवे स्टेशन, संकटमोचन मंदिर, ज्ञानवापी मस्जिद, काशी विश्वनाथ मंदिर, वायु सेना चयन बोर्ड, रेणुकूट थर्मल पावर प्लांट, इंडिया गेट, प्रयागराज के अर्धकुंभ, आगरा किला आदि के साथ बनारस में सीएए को लेकर हुए विरोध की फोटो व वीडियो भी पाकिस्तानी हैंडलर्स को भेजा था।
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