पूर्वांचल की गाजीपुर, जौनपुर, घोसी और लालगंज लोकसभा सीट पर मायावती ने 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है, इन सीटों पर यादव वोटरों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है । गाजीपुर लोकसभा सीट जहां से बसपा नेता अफजाल अंसारी ने जीत हासिल की थी, वहां चार लाख के करीब यादव वोटर हैं और लोकसभा चुनाव में यादवों ने बसपा उम्मीदवार का खुलकर समर्थन किया था।
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चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में जहां सपा को 22.35 प्रतिशत वोट मिले थे, वहीं इस बार यह आंकड़ा घटकर 17.96 फीसदी ही रह गया. पिछली बार बसपा को 19.77 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे, जो इस बार घटकर 19.26 फीसदी रह गये, मतलब बसपा के मुकाबले सपा को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा । वोट प्रतिशत में मामूली गिरावट के बाद भी बसपा फायदे में रही और उसने 10 सीटों पर जीत हासिल हुई, वहीं सपा को महज पांच सीटें मिली ।मायावती के गठबंधन तोड़ने के ऐलान के बाद अखिलेश यादव ने तोड़ी चुप्पी, दिया बड़ा बयान
गाजीपुर लोकसभा सीटइस लोकसभा सीट से बसपा के उम्मीदवार अफजाल अंसारी ने जीत हासिल की है, उन्होंने बीजेपी के कद्दावर नेता मनोज सिन्हा को हराया था । इस लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा यादव वोटर हैं, य़हां यादव वोटर की संख्या करीब 4 लाख है । अफजाल अंसारी को इस सीट पर 564144 वोट मिले थे और उन्होंने करीब एक लाख 19 हजार के बड़े अंतर से चुनाव जीता था ।
जौनपुर लोकसभा सीट से बसपा से श्याम सिंह यादव ने जीत हासिल की थी, इस लोकसभा सीट पर यादव वोटरों की संख्या दो लाख 25 हजार के आसपास है । बसपा प्रत्याशी श्याम सिंह यादव ने ने करीब 80754 वोटों से बीजेपी के केपी सिंह को मात दी थी, यादव वोटरों की एकजुटता के कारण ही यहां बसपा की जीत आसान हुई थी ।
यूपी की इस सुरक्षित लोकसभा सीट पर यूं तो सबसे ज्यादा दलित वोटर हैं, मगर लोकसभा क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटों में से दो से तीन विधानसभा सीटों पर यादव निर्णायक भूमिका निभाते हैं । बसपा की संगीता आजाद ने इस सीट पर एक लाख 61 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी ।