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पुलिस ने आखिर 24 साल के लड़के के साथ क्या किया, पहले गायब फिर मौत, अब दो साल बाद खुलासा

locationवाराणसीPublished: Apr 23, 2022 02:08:29 pm

Submitted by:

Snigdha Singh

Shiv Trivedi News: वाराणसी में दो साल पहले एक युवा को पुलिस ले जाती है। युवक अचानक गायब हो जाता है। जब जांच होती है तो दो साल बाद पुलिस ल़ड़के की मरने बात बताकर पल्ला झाड़ रही। आखिर पुलिस ने क्या किया।

Shiv Trivedi 24 Year Youth Missed 2 year ago Now Police Said dead

Shiv Trivedi 24 Year Youth Missed 2 year ago Now Police Said dead

एक तरफ जहां बेहतर कानून व्यवस्था बनाने के लिए बाबा को बुलडोजर चल रहा वहीं, दूसरी तरफ बुलडोजर चलाने वाले ही कानून व्यवस्था की प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं। आखिर क्या कसूर था 24 साल के लड़के शिव त्रिवेदी का। जिसे पुलिस उठा ले गई और दो साल बाद मां-बाप को मौत की खबर दी। बनारस से शिव त्रिवेदी 12 फरवरी 2020 को लापता हो गए थे।
जानकारियों के अनुसार मध्य प्रदेश का रहने वाला शिव त्रिवेदी बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से बीएससी द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहा था। साल 2020 में 12 फरवरी को शिव गायब हो गया। काफी खोजबीन के बाद नहीं मिलने पर पिता प्रदीप त्रिवेदी ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। 20 अगस्त, 2020 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने छात्र के लापता होने के संबंध में दायर एक याचिका का संज्ञान लिया था। मामले की जांच सीबी-सीआईडी को दी गई। बताया गया कि शिव को आखिरी बार शहर के लंका पुलिस स्टेशन में 12 फरवरी को देखा गया था। पिता ने पुलिस पर आरोप लगाया है।
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पहले जान लीजिए पूरा मामला

दरअसल छात्र शिव त्रिवेदी बनारस विवि से पढ़ाई कर रहा था। 12 फरवरी 2020 को अचानक गायब हो गया। आखिरी बार लंका पुलिस स्टेशन में देखा गया था। लेकिन इसके ठीक तीन दिन बाद लंका थाने से करीब 5 किमी दूरी पर तालाब में से एक लाश मिली जो, शिव की थी। पुलिस ने लावारिस शव मानकर अंतिम संस्कार भी कर दिया। डीएनए जांच से इस बात को खुलासा हुआ। पिता प्रदीप ने बताया था कि एक फोन कॉल के बाद उसे बीएचयू के एम्फीथिएटर ग्राउंड से कुछ पुलिस कर्मियों ने उठाया था
क्या कहती हैं रिपोर्ट्स

मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण डूबना ही बताया गया है। दरअसल 20 अगस्त, 2020 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने छात्र के लापता होने के संबंध में दायर एक याचिका का संज्ञान लिया था। नवंबर में, इस मामले की जांच कोर्ट द्वारा सीबी-सीआईडी को स्थानांतरित कर दी गई थी।
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सीबी-सीआईडी की जांच में क्या मिला

सीबी-सीआईडी ने अपनी जांच के दौरान पाया कि युवक का शव लंका पुलिस थाने से 5 किलोमीटर दूर एक तालाब में मिला था और उसका “लावारिस शव” के रूप में अंतिम संस्कार किया गया था। शिव कुमार के पिता प्रदीप ने दावा किया था कि जब शिव को पुलिस स्टेशन लाया गया और जिस रात वह गायब हुआ, उन्हें इस बारे में पुलिस स्टेशन द्वारा कोई सूचना नहीं दी गई थी।
क्या कह रहे सरकारी वकील

सरकारी वकील सैयद अली मुर्तजा का कहना हा कि स्थानीय पुलिस की अनदेखी के बाद सीबी-सीआईडी ने कदम उठाते हुए शरीर से निकाले गए दांतों और बालों का डीएनए टेस्ट कराया था, जो कि शिव के पिता के डीएम से मैच कर गया था। बताया, “एक फोन आने के बाद छात्र को लंका पुलिस स्टेशन लाया गया, जहां उसे खाना दिया गया था और रुकने के लिए भी कहा गया था। लेकिन उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी और वह बिना किसी को बताए वहां से चला गया। इसमें पुलिस अत्याचार का कोई मामला नहीं है।
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क्या बोले शिव के परिजनों के वकील

शिव के परिजनों की तरफ से पेश हुए वकील सौरभ तिवारी ने मामले में पुलिस जांच में चूक के बारे में कई सवाल उठाए हैं। कहा कि अदालत को अवगत कराया है कि कैसे एक छात्र रहस्यमय परिस्थितियों में पलिस हिरासत से गायब हो गया। हैरानी भरी बात तो यह है कि पुलिस छात्र की तलाश करने के लिए दूसरे राज्यों में गई। लेकिन उन्होंने लावारिस शवों के लिए आस-पास के पुलिस थानों की जांच नहीं की। इसमें पुलिस का ही खेल है।
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