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बढ़ने लगे कोरोना केस तो स्वास्थ्य विभाग ढूंढ़ने लगा ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर, मुख्यमंत्री का जानिए एक्शन

locationलखनऊPublished: Apr 23, 2022 12:10:22 pm

Submitted by:

Snigdha Singh

Covid19 Increasing In UP: प्रदेश में कोरोना की स्थिति बिगड़ रही। स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर शासन की कड़ी नजर बनी हुई है। अस्पतालों में ऑक्सीजन कंसट्रेटर नहीं मिलने पर शासन ने फोटो सहित रिपोर्ट मांगी है।

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Oxygen Concentrator missed from Portal CM Yogi Asked for details photo

प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी तो ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर ढूंढे जाने लगे हैं। जब खोजबीन हुई तो पता चला पोर्टल में सभी गायब मिले हैं। ऐसी लापरवाही प शासन ने घनी आबादी वाले जिलों से सभी आक्सीजन कंसेंट्रेटर का हिसाब मांगा है। अपर निदेशक स्वास्थ्य ने भी ऑक्सीजन कंसेंट्रेटरों की रिपोर्ट तलब की है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक कानपुर मंडल के अंतर्गत आने वाले करीब 5 जिलों मेम कोरोना की दूसरी लहर में पीएम केयर फंड से 36 ऑक्सीजन कंसेंटे्रटर दिए गए थे। लेकिन यह ऑक्सीजन कंसेंटे्रटर कहां लगाए गए, पोर्टल में इसकी कोई जानकारी दर्ज नहीं है। स्वास्थ्य विभाग दावा कर रहा है कि डफरिन, उर्सला, कांशीराम अस्पताल, हैलट और सीएचसी में आठ ऑक्सीजन कंसेंटे्रटर लगाए हैं। पोर्टल में इसकी जानकारी दर्ज नहीं है। वहां पर अभी भी जीरो संख्या ही दर्शाई जा रही है। इसकी पड़ताल में सामने आया है कि आक्सीजन प्लांट के बारे में पोर्टल में जानकारी उपलब्ध है पर ऑक्सीजन कंसेंटे्रटर वास्तव में लगे भी हैं या नहीं, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है।
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शासन ने सरकारी और चैरिटी दोनों की मांगी रिपोर्ट

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के बाद अब शासन ने पीएम केयर फंड से दिए गए ऑक्सीजन के अलावा चैरिटी में दिए गए ऑक्सीजन कंसट्रेटर का हिसाब किताब मांगा है। स्वास्थ्य कल्याण अधिकारी जीके मिश्र से रिपोर्ट तलब करना के निर्देश है। सख्ती के साथ फोटोग्राफी के साथ रिपोर्ट मांगी गई है।
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क्या कह रहे अफसर

अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ.जीके मिश्र का कहना है कि ऑक्सीजन कंसेंट्रेटरों का हिसाब मांगा गया है क्योंकि पोर्टल में इनका कोई ब्योरा नहीं मिला है। इतने महीने के बाद भी ऑक्सीजन कंसेंटे्रटर लगे या नहीं, नोडल अधिकारी इसका ब्योरा तैयार करे। नोडल अधिकारियों का कहना है 36 ऑक्सीजन कंसेंटे्रटर लगाए जा चुके हैं। लेकिन शासन को अब इसकी तस्वीर और एक-एक लिखापढ़ी ब्यौरा आना चाहिए।
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