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किसी भी वाहन को सड़क पर चलने के लिये फिटनेस सर्टिफिकेट की जरूरत होती है, जो परिवहन विभाग की ओर से जारी किया जाता है। विभाग इस बात का प्रमाण पत्र देता है कि गाड़ी सभी मानकों पर खरी उतरती है। इसके लिये वाहन को परिवहन कार्यालय ले जाना होता है। वहां प्रमाण पत्र जारी करने से पहले गाड़ी का इंजन, उसकी फ्रंट और बैक लाइट, इंडिकेटर, हाॅर्न, फाॅग लाइट (Fog Light), फर्स्ट ऐड बाॅक्स, रिफ्लेक्टर, डेंट-पेंट और नंबर प्लेट (High Security Number Plate) आदि की मानक (Vehicle Fitness Cirtificate Norms) के अनुसार पूरी जांच की जाती है। सब कुछ सही होने के बाद प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है।
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अब ऐसे होगा काम
पांच जनवरी से जांचकर्ता फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने के लिये एम परिवहन ऐप का इस्तेमाल करेंगे। इस ऐप में छह प्वाइंट निर्धारित किये गए हैं। इन्हीं के छह बिन्दुओंं के आधार पर जांचकर्ता वाहन और उससे जुड़ी फोटो ऐप पर अपलोड (Vehicle Photo Upload on M Vahan App) करेंगे। बिना अपलोडिंग किये फिटनेस प्रमाण का काम आगे नहीं बढ़ सकेगा।
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ऐसे काम करेगा
एम वाहन ऐप की रेंज 500 मीटर होगी। यानि कार्यालय से 500 मीटर की रेंज में वाहन के आते ही ऐप खुद ब खुद एक्टिव होकर इसकी जानकारी देगा। इसके बाद आरआई मौके पर जाकर निर्धारित बिंदुओंं पर फोटो खींचकर अपलोड करेंगे, जिसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
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ये जानकारियां करनी होंगी अपलोड
फिटनेस प्रमाण पत्र के लिये एम वाहन ऐप सिस्टम के एक्टिव हो जाने के बाद मनमानी नहीं चलेगी। प्रमाण पत्र बनाने के लिये जांचकर्ता द्वारा वाहन की पूरी तस्वीर, उसका चेसिस नंबर, फ्रंट और बैक साइड की सभी लाइटें, हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की फोटो एम वाहन ऐप पर अपलोड की जाएगी।
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कितने दिन का होता है प्रमाण पत्र
परिवहन विभाग ने काॅमर्शियन (Comercial Vehicle) और निजी वाहनों (Private Vehicle) के लिये अलग-अलग अवधि के फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करता है। नई गाड़ियों के पंजीकरण (Vihicle Registration) के समय ही उन्हें प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। काॅमर्शियन वाहनों को यह दो साल के लिये जारी किया जाता है। दो साल के बाद हर साल जांच करवाकर फिटनेस प्रमाण पत्र लेना जरूरी होता है। दूसरी ओर निजी गाड़ियों के लिये 15 साल का फिटनेस सर्टिफिकेट जारी होता है। इसकी समयावधि समाप्त होने दूसरा बनवाने के लिये एक सप्ताह का समय मिलता है।
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नहीं चलेगा फर्जीवाड़ा
गाड़ियों का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने के नाम पर फर्जीवाड़ा अब नहीं चलेगा। एआरटीओ (ARTO) वाराणसी सर्वेश चतुर्वेदी ने मीडिया को बताया है कि बिना वाहन को लाए अब फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं जारी कराया जा सकेगा। पांच जनवरी से वाहनों का फिटनेस कार्य एम वाहन ऐप के जरिये किया जाएगा। इससे काम आसान होगा।