अहमदाबाद. शहर में 27 जून को भगवान जगन्नाथ की 148वीं रथयात्रा निकलने वाली है। हर साल की तरह इस साल भी देश की दूसरी सबसे बड़ी रथयात्रा की सुरक्षा व्यवस्था के चाकचौबंद इंतजाम किए जा रहे हैं। आईपीएल सीजन जीतने के बाद बेंगलुरू में भगदड़ मचने जैसी घटना रथयात्रा में ना हो उसे सुनिश्चित करने के लिए अहमदाबाद शहर क्राइम ब्रांच ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की मदद से एक विशेष सॉफ्टवेयर बनाया है। इस सॉफ्टवेयर की मदद से पूरे रथयात्रा के 18 किलोमीटर टूर पर भीड़ पर नजर रखी जाएगी। इसमें जगन्नाथ मंदिर, ढाल की पोल, चकलेश्वर महादेव, सरसपुर मंदिर, जॉर्डन रोड शाहपुर में रथयात्रा प्रवेश करे उस समय विशेष ध्यान रखा जाएगा।क्राइम ब्रांच के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) भरत पटेल ने बताया कि रथयात्रा में हर साल 14-15 लाख श्रद्धालु भगवान के दर्शन और अखाड़ों के करतब व सांस्कृतिक मंडलियों और ट्रकों की झांकी देखने को उमड़ते हैं। शहर में रथयात्रा के 18 किलोमीटर लंबे रूट पर कई हिस्से ऐसे भी हैं, जहां पर गलियां काफी संकरी हैं। ऐसे में वहां पर काफी भीड़ होती है। ऐसी जगहों पर कहीं भी भगदड़ ना मचे और भीड़ का बेहतर तरीके से प्रबंधन किया जा सके उसके लिए इस साल एआई की मदद से विशेष सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। इसकी मदद से लगातार नजर रखी जाएगी। इसकी टेस्टिंग जारी है।सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन की लाइव फीड की होगी मॉनीटरिंग
पटेल ने बताया कि रथयात्रा रूट पर चप्पे-चप्पे पर लगे 2500 सीसीटीवी कैमरे और लगातार आसमान में उड़ते हुए नजर रखने वाले ड्रोन की लाइव फीड को इस सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा। इस साल ड्रोन की संख्या भी दो गुनी की जा रही है। क्राइम ब्रांच की ओर से पहली बार एआई तकनीक आधारित इस क्राउड मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है। इसके लिए शाहीबाग स्थित शहर पुलिस कंट्रोलरूम से तो लाइव फीड पर नजर रखी ही जाएगी। क्राइम ब्रांच कार्यालय में भी विशेष रूम तैयार करके 15 से 20 लोगों की टीम इस पर नजर रखेगी।
रूट पर मौजूद भीड़, प्रस्तावित भीड़ की बताएगा संख्यापटेल ने बताया कि यह सॉफ्टवेयर एआई तकनीक, थर्मल इमेज की मदद से यह बताएगा कि रथयात्रा रूट पर किस हिस्से में कितने लोग मौजूद हैं और पांच मिनट से लेकर 10, 15 मिनट में और कितने लोग पहुंच सकते हैं। इतना ही नहीं उस स्थल पर कितने लोगों को समाहित करने की जगह खाली है। कौन-कौन से रास्तों से भीड़ को निकाला जा सकता है। यह पता लगने के चलते यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उस जगह पर ज्यादा भीड़ को नहीं जाने दिया जाए। इसके लिए पुलिस की टीम वॉकी टॉकी व अन्य कम्युनिकेशन माध्यमों से सुरक्षा बलों से संपर्क करके बैरिकेड लगाकर भीड़ को रोकेंगे।