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बालाघाट

धान परिवहन कार्य में नहीं आ रही तेजी-

खरीदी 55 लाख, परिवहन हो पाया महज 46 लाख क्विंटल धान जिले के खरीदी केन्द्रों में अब भी खुले आसमान के नीचे 7 लाख क्विंटल धान तिरपाल के सहारे बड़ी मात्रा में भंडारित धान की सुरक्षा व्यवस्था नित्य बदल रहा मौसम, बारिश होने पर बड़ी नुकसानी की आशंका

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बालाघाट. जिले के सभी 186 धान उपार्जन केन्द्रों में समय सीमा में धान उपार्जन तो किया जा रहा है। लेकिन उपार्जित धान का परिवहन समय पर नहीं किया जा रहा है। केन्द्रों में धान अधिक मात्रा में भंडारण रहने से धान की सुरक्षा को लेकर परेशानी बढ़ गई है। उपार्जन प्रभारी धान खरीदी से अधिक धान की सुरक्षा को लेकर परेशान नजर आ रहे हैं। खासकर मॉयल नगरी उकवा, बालाघाट और लालबर्रा क्षेत्र के केन्द्रों में व्यवस्थाएं अधिक डगमागती नजर आती है। इन ब्लॉकों में धान परिवहन की रफ्तार काफी धीमी नजर आती है। हालात यह हो गए हैं कि केन्द्रों में अब धान रखने की जगह नहीं बची है। आगामी दिनों में यहां खरीदी कार्य में ब्रेक लगाने जैसे भी आसार नजर आते हैं। इधर मौसम में आए दिन हो रहे परिवर्तन को लेकर भी कर्मचारी और किसान परेशान है। पिछले दिनों आसमान पर बादल छाए रहने से बारिश होने की बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। यदि बारिश होती है तो लाखों क्विंटल धान भीगकर खराब होने की बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।

46 क्विंटल धान का ही परिवहन

18 जनवरी की दोपहर 02 तक की स्थिति में खरीदी केन्द्रों से प्राप्त सरकारी आंकड़े देखे तो सभी 186 केन्द्रों में अब तक 108479 किसानों ने धान विक्रय करने स्लॉट बुक कराए हैं। इन किसानों से 54 लाख 5131 क्विंटल धान का उपार्जन किया जा चुका है। धान के उठाव व परिवहन की स्थिति देखे तो महज 46 लाख 85 हजार 664 क्विंटल धान का ही केन्द्रों से परिवहन किया गया है। जबकि 7 लाख 36 हजार 858 क्विंटल धान अब भी केन्द्रों में खुले आसमान के नीचे पड़ी हुई है।

72 घंटे में परिवहन का है निमय

शासन के नियम के अनुसार धान उपार्जन केन्द्र से खरीदी गई धान का परिवहन 72 घंटे के अंदर केंद्र से हो जाना चाहिए। लेकिन जिले में ऐसे कई केन्द्र है, जहां से नाम मात्र का धान का पविहन हुआ है। ऐसे में धान का सुखना सामान्य बात है। तौल के दौरान केंद्र प्रभारी द्वारा बोरी में धान की नमी को देखते हुए निर्धारित मात्रा से अधिक धान भी किसानों की सहमती से भरी जाती है। किसानों को नहीं हो पाता भुगतान किसानों के अनुसार परिवहन समय सीमा में नहीं होने से सबसे ज्यादा किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उनको उनकी उपज का दाम मिलने में काफी विलंब हो जाता है। जब तक केंद्र से धान का परिवहन कर भंडारण नहीं हो जाता, तब तक उन्हें उनकी धान की राशि नहीं दी जाती है।

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इधर मौसम विभाग का बादल छाए रहने का पूर्वानुमान

बालाघाट. भारत मौसम विज्ञान विभाग नई दिल्ली के क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल से जिला कृषि मौसम इकाई कृषि विज्ञान केंद्र बालाघाट को प्राप्त 5 दिवसीय मध्यम श्रेणी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार जिले में 18 से 22 जनवरी के अवधी में मौसम साफ रहने के साथ हल्के बादल के साथ न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज होने की संभावना है। अधिकतम तापमान 22.7 से 23.6 डिग्री सेलिसियस तथा न्यूयनतम तापमान 14.5 से 15 डिग्री सेलिसियस तथा सुबह हवा में 83 से 89 प्रतिशत तथा दोपहर में 51 से 55 प्रतिशत नमी रहने की संभावना है। आने वाले दिनो में हवा कि गति लगभग 2 से 4 किलो मीटर प्रति घंटे उत्तर पूर्व से दक्षिण पूर्व दिशा में रहने ने की संभावना है। वर्सन समय-समय पर धान उपार्जन व परिवहन कार्य की समीक्षा की जा रही है। ट्रांसपोर्टरों पर सख्ती करते हुए कार्रवाई भी की गई। पहले की अपेक्षा परिवहन कार्य में तेजी आई है। धान उपार्जन के साथ परिवहन कार्य भी जारी है। मृणाल मीना, कलेक्टर

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