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नवतपा के दूसरे दिन बादल व बूंदाबांदी ने दिलाई राहत

0 अधिकतम तापमान रहा 40 डिग्री सेल्सियस0 पश्चिमी विक्षोभ के चलते अंधड़ आने की संभावना

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रायगढ़. नवतपा के दूसरे दिन सुबह से ही मौसम में बदलाव के साथ बुंदाबंादी शुरू हो गया था, जिससे दोपहर तक गर्मी का अहसास कम हुआ, लेकिन दोपहर बाद मौसम साफ होते ही कुछ देर के लिए धूप निकला लेकिन शाम को फिर से बादल व तेज हवा शुरू हो गया, जिससे लोगों को नवतपा का अहसास नहीं हुआ।
गौरतलब हो कि गुरुवार से नवतपा की शुरूआत हो गई है, जिससे पूर्व में बढ़ रहे तापमान व लू के थपेड़े को देखते हुए लोगों को लगा था कि इस बार नवतपा खुब तपेगा, लेकिन दूसरे ही दिन शुक्रवार को सुबह से ही मौसम में बदलाव हो गया और तेज हवा के साथ बूंदाबांदी शुरू हो गई, हालांकि बारिश नाममात्र की थी, लेकिन हवा के चलते जिले का तापमान 40 डिग्री रहा, जिससे लोगों को गर्मी का अहसास कम हुआ। वहीं जानकारों की मानें तो नवतपा में गर्मी अपने चरम पर होती है क्योंकि सूर्य की किरणे सीधे धरती पड़ती है, लेकिन इस साल विक्षोभ के कारण मौसम में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहने की संभावना व्यक्त की जा रही है, जिसके चलते अगले ४८ घंटे तक तापमान में कुछ खास बढ़ोत्तरी होने की संभावना नहीं है। साथ ही मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के चलते हवा के पैटर्न में बदलाव बना रहेगा, क्योंकि इन दिनों एक द्रोणिका उत्तर बिहार, झारखंड से पश्चिम बंगाल तक 1.5 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है, साथ ही एक द्रोणिका दक्षिण हरियाणा से सिक्कम तक 0.9 किमी उंचाई तक विस्तारित है और उत्तर-दक्षिण द्रोणिका दक्षिण-पूर्व मध्यप्रदेश से कर्नाटक तक 0.9 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है, जिसके चलते गर्मी का अहसास कम होगा। साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि मंगलवार को जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में विक्षोभ के चलते आंधी के साथ बंदाबंादी हो सकती है, साथ ही कुछ क्षेत्रों में ब्रजपात भी होने की संभावना है, जिसको ध्यान में रखते हुए लोगों को सतर्कता बरतने की जरूरत है। साथ ही अंधड़ व गर्जना होने के समय पेड़ के नीचे खड़ा होना जानमाल के लिए खतरा बन सकता है, ऐसे में जब इस तरह की स्थिति निर्मित हो तो पक्के मकानों का सहारा लेना चाहिए, ताकि हनहोनी से बचा सके।
क्या कहते हैं किसान
इस संबंध में किसानों की मानें तो नवतपा जितना तपेगा उतना ही खेती के लिए अच्छा होता है। क्योंकि इस समय मिट्टी अच्छी तरह से सूख जाने से उर्बरक सक्ती मजबूत होती है। साथ ही यह भी मानना है कि नवतपा में तपन अधिक होने से आगे चलकर अच्छी बारिश होती है, जिससे खेती के लिए काफी लाभदायक होता है। वहीं कुछ किसानों का कहना है कि शुरू में ही बारिश हो जाने से आगे चलकर बारिश होने की संभावना कम हो जाती है, जिसके चलते नवतपा में तपन बहुत जरूरी होता है।
शाम को बादल व हवा ने दिलाई राहत
गौरतलब हो कि शुक्रवार को दोपहर बाद तेज धूप होने से कुछ देर के लिए ज्यादा गर्मी का अहसास हुआ, लेकिन शाम को अचानक फिर से मौसम में बदलाव हुआ और बादल के साथ हवा शुरू हो गया, जिससे लोगों को गर्मी से काफी राहत मिली है।
आंधी के चलते घंटों रही बिजली गुल
शुक्रवार को शाम को कुछ देर के लिए चली तेज अंधड़ के चलते शहर के कोतरारोड स्थित अघरिया सदन के पास शाम करीब ५.३० बजे एकाएक तीन इंसुलेटर भस्ट होते ही तेज अवाज के साथ तार भी काफी नीचे आ गया। जिसकी सूचना मिलते ही बिजली विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंच कर सुधार कार्य में जुटे रहे, लेकिन इसके सुधार कार्य करने में करीब ढाई घंटे का समय लग गया, जिससे क्षेत्र के उपभोक्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।