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VIDEO STORY : आदिवासी परिवेश में पहुंचे बस्तर के रूपेश के कायल हुए पीएम मोदी, सवाल पूछने खड़े हुए तो कैमरामैन से कहा उन्हें दिखाएं

- कार्यक्रम के बाद बातचीत में पीएम मोदी ने रूपेश के पहनावे की तारीफ, बस्तर के बारे में भी पूछा - छत्तीसगढ़ से पीएम मोदी से सवाल पूछने वाले एकमात्र छात्र बने रूपेश - बस्तर के सरकारी स्कूल में पढऩे वाले आदिवासी छात्र रूपेश ने दिल्ली जाकर भी अपनी संस्कृति नहीं छोड़ी और पीएम मोदी के कार्यक्रम परीक्षा पर चर्चा में अपनी पारम्परिक वेशभुषा में ही पहुंचे थे  

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शेख तैय्यब ताहिर/जगदलपुर. जहां आज जरा सी अंग्रेजी सीख जाने और बड़े शहर पहुंच जाने के बाद लोग अपनी ग्रामीण शैली को तुरंत ही त्याग देते हैं लेकिन बस्तर के रूपेश ने इस मामले में मिसाल पेश की है। दरअसल बस्तर के दरभा के आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम सरकारी स्कूल में पढऩे वाले रूपेश को दिल्ली में पीएम मोदी के कार्यक्रम परीक्षा पर चर्चा में शामिल होने का मौका मिला था। ऐसे में पेंट, टाई, शूट-बूट की जगह उन्होंने अपनी उपस्थिति आदिवासी परिवेश में कराना सहीं समझा। शायद यही अदा पीएम नरेंद्र मोदी को भी पसंद आई। इसलिए जब दिल्ली में चल रहे कार्यक्रम परीक्षा पर चर्चा के मौके पर रूपेश कश्यप को सवाल पूछने का मौका मिला तो उनके सवाल के बीच में ही पीएम मोदी ने इस प्रसारण का लाइव कर रहे कैमरामैन से कहा कि छात्र की तरफ कैमरे को ले जाएं। इसके बाद रूपेश ने अपना सवाल पूछा। जिसके बाद उन्होंने बड़ी सादगी से उनका जवाब दिया। वहीं कार्यक्रम के बाद जब वे रूपेश से मिले तो उन्होंने उनके पहनावे की तारिफ की और बस्तर के बारे में भी उनसे पूछा।

पत्रिका को बताया पहलीबार लालकिला से लेकर परेड देखने का अनुभव (रूपेश की जुबानी)(परेड ग्राउंड की फोटो)
मैंने अपने जीवन में नहीं सोचा था कि कभी पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात होगी और २६ जनवरी की परेड कभी लालकिले में बैठकर देखने मिलेगा। लेकिन जब दिसंबर माह में फार्म भरने के बाद जानकारी मिली की उनका सलेक्शन हो गया है और इसमें शामिल होने के लिए दिल्ली जाना है तो यह सबकुछ एक सपना लग रहा था। इसके बाद २४ जनवरी को दिल्ली पहुंचते ही इसका एहसास भी हो गया कि आखिर दिल्ली देश की राजधानी क्यों है। उंची उंची इमारते, लाखों करोड़ों लोग यह सबकुछ सपने जैसा था। इसके बाद आलीशान राष्ट्रीय बाल भवन में तीन दिन गुजारे। तालकटोरा स्टेडियम में पूरे कार्यक्रम में शामिल होने का न केवल मौका मिला बल्कि सवाल पूछने का भी मौका मिला। यह जीवन का सबसे महत्यूपर्ण दिन था। लालकिले की प्राचीर से परेड और झांकियां देखना अद्भुद था।

ट्राइबल आर्ट, चित्रकोट और शुद्धतम बांस को बताया बस्तर की पहचान
परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में जब रूपेश को सवाल के लिए एंकर द्वारा पुकारा गया तो उसके पहले बस्तर की भुमिका बताई गई। जिसमें बस्तर की पहचान को महत्व दिया गया। इसमें बस्तर को ट्राइबल आर्ट की राजधानी, बेद खूबसूरत चित्रकोट और देश में सबसे बेहतरीन किस्म की मिलने वाली बांस की प्रजाति वाली जगह बताई गई और कहा कि ऐसे जगह से आते हैं रूपेश कश्यप।

विलुप्ति की कगार पर है कोड़ी साफा और कौड़ी फेटा, त्योहारों में पहना जाता है
बस्तर के आदिवासी परम्परा से जुड़े तपन यादव बताते हैं कि कार्यक्रम में रूपेश ने जिस वेशभुषा को धारण किया है वह आदिवासी संस्कृति से जुड़ी हुई है। उन्होंने कौड़ी साफा और कौड़ी फेटा पहना हुआ है। उन्होंने बताया कि वेशभुषा आदिवासी तब धारण करता है जब वह त्यौहार, मड़ई व मेला जैसे विशेष कार्यक्रमों में जाता है। आधुनिक जानकारी तपन यादव ने बताया कि कौड़ी साफा और कौड़ी फेटा पहनकर विलुप्त होता जा रहा। त्यौहार, मड़ई मेला में इसी पारम्परिक वेशभुषा को धारक करके आदिवासी जाते थे।

अंग्रेजी में पूछा- परीक्षा में अनुचित साधनों को कैसे नजरअंदाज करें
परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम के दौरान बस्तर के रूपेश कश्यप को २८ वें मीनट में पीएम मोदी से सवाल करने का मौका मिला। जिसमें उन्होंने अंग्रेजी में पूछा कि हाउ केन आई अवाइड अनफेयर मींस(अनुचित साधन) इन एग्जाम। सवाल के बाद पीएम मोदी ने इस विषय पर करीब ७ मीनट का जवाब दिया। जिसमें उन्होंने इस सवाल को अच्छा बताते हुए कहा कि आज कल तेजी से मूल्यों में बदलाव आया है। वह गलत है। उन्होंने उदाहारण देते हुए कहा कि कुछ टीचर्स ट्यूशन क्लासेस चलाते है उन्हें भी लगता है कि पैसे लिए है तो उनके बच्चों के अच्छे से रिजल्ट आए। यह गलत है। वहीं उन्होंने कहा कि कुछ बच्चे पढऩे में टाइम नहीं लगाते लेकिन नकल करने के लिए नए नए तरीके ढूढने में घंटो लगाते हैं। उनका यह तरीका क्रिएटिव होता है। कुछ लोग छोटी-छोटी पर्चियां बनाते हैं। इसी टैलेंट को वह पढऩे में लगा दें बेहतर रिजल्ट आ जाते। लेकिन अब जिंदगी और दुनिया बदल चुकी है। हर कदम पर परीक्षा चल रही है। ऐसा करके वह एक दो परीक्षा तो पास कर सकता है लेकिन जिंदगी की परीक्षा में फंस जाएगा। जो कड़ी मेहनत करते हैं उनकी मेहनत जिंदगी में रंग लाएगी। आपके भीतर की ताकत आपको आगे ले जाएगी। नकल करने वाले को होने वाले फायदे को देखकर मैं भी उसी रास्ते पर निकल जाऊं, ऐसा बिल्कुल मत सोचना। परीक्षा आएंगी और जाएंगी लेकिन जिंदगी जीनी है जी भर के जीनी है। जीतते जीतते जीनी है। इसलिए शॉर्टकट नहीं अपनाना है। उदाहारण : रेलवे स्टेशन में लिखा होता है लोग ब्रीज से जाना पसंद नहीं करते। पटरी कूदकर जाना पसंद करते हैं। कोई कारण नहीं बस मजा आता है। वहां लिखा होता है शॉर्ट कट यू, कट यू शॉर्ट। इसलिए शॉर्टकट को पालिये मत, अपने पर फोकस करें। बेहतर रिजल्ट मिलेगा।