जयपुर. समलैंगिक विवाह को लेकर शहर में भी विरोध के स्वर गूंज रहे हैं। बुधवार को महिलाओं ने जिला कलक्ट्रेट में एडीएम प्रथम दिनेश कुमार शर्मा को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। महिला जागृति समूह के बैनर तले विरोध कर रही महिलाओं ने कहा कि समलैंगिक विवाह हमारे देश की संस्कृति के विरुद्ध है। समूह की संयोजिका सुनीता अग्रवाल ने कहा कि समलैंगिक विवाह, भारतीय विवाह संस्कार पर आघात है। भारत में विवाह दो व्यक्तियों और दो परिवारों के बीच एक सामाजिक-धार्मिक और संस्कारिक मिलन है। समलैंगिक विवाह के अनेक नकारात्मक प्रभाव है। इसे मान्यता देने से सांस्कृतिक मूल्यों का हनन होगा।
समूह में शामिल शालिनी राव ने कहा कि भारत के सामाजिक ढांचे में विवाह एक पवित्र संस्कार है और उसका उद्देश्य मानव जाति का उत्थान है। इसमें पुरुष और महिला के मध्य विवाह को ही मान्यता दी गई है। यदि समलैंगिक विवाह को मान्यता मिलती है तो यह भारत की संस्कृति को कमजोर करेगा।
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