आज से 11 साल पहले मेहरानगढ़ में हादसा हुआ। हादसे के बाद लोगों का आक्रोश देखकर सरकार ने चोपड़ा आयोग बनाया, जांच रिपोर्ट तैयार है लेकिन सार्वजनिक नहीं। मेहरानगढ़ हादसे से पहले और बाद न जाने कितने हादसे हुए। हर हादसे के बाद एक ही बात, जांच की जाएगी। आज तक किसी हादसे की जांच सामने नहीं आई, और ना ही इस तरह के हादसों के जिम्मेदार को कोई सजा हुई। वजह यहीं है, लापरवाही के हादसे होते रहे है। मेहरानगढ़ हादसे की जांच रिपोर्ट में ऐसा क्या है जो कि राजस्थान की दोनों सरकारें इसे सार्वजनिक करने से बचती रही। मेहरानगढ़ हादसे की रिपोर्ट पर पर्दा क्यों? रिपोर्ट में ऐसा क्या, जिस पर पर्दा डालना जरूरी है? जिम्मेदारों और लापरवाही की जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं कि जा रही है। क्या 11 साल पहले हुए हादसे की रिपोर्ट सामने नहीं आएगी? दोनों की सरकारें किसे बचाना चाहती है।
दरअसल मेहरानगढ़ हादसे की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक होनी चाहिए। हादसे के जिम्मेदार और लापरवाही के कारण सामने आने चाहिए। 11 साल बाद भी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक होने या ना होने की बात हो रही है तो 216 लोगों के परिजनों को न्याय मिलने की कितनी देरी लगेगी, और लापरवाही के कारण जो किसी हादसे को रोक सकते है। इस पर सरकारें गौर क्यों नहीं कर रही है।