ढूंढाड़ नरेश मिर्जा राजा जयसिंह के शासन में भगवान् जगन्नाथ की रथयात्रा आमेर में निकालना शुरु हुई थी। वहीं सांगानेर का जगन्नाथ मंदिर करीब छह सौ साल पुराना है। जयपुर की स्थापना के बाद पुरानी बस्ती, धाभाई जी का खुर्रा आदि स्थानों पर जगन्नाथ के अनेक मंदिर बने। इनमें भगवान कृष्ण और भाई बलराम व बहन सुभद्रा की पूजा होती है ।
आषाढ़ शुक्ल दूज पर नगर में रथ यात्रायें निकलने से जयपुर का धार्मिक वातावरण जगन्नाथपुरी जैसा बन जाता था। भगवान के रथ की रस्सी को खींचने और स्पर्श करने हजारों नर नारी उमड़ पड़ते। यात्रा के दिन छुट्टी रहती थी। सवाई जयसिंह तो उड़ीसा जगन्नाथ यात्रा के लिए खर्चा भेजते थे।