नागौर. विद्युत क्षेत्र में उत्पादन, प्रसारण एवं वितरण में निजीकरण के आरोप को लेकर भडक़े डिस्कॉम कर्मियों ने शुक्रवार को राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के बैनरतले ओपीएस लागू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। निगम के समक्ष ही सुबह नौ बजे से लेकर दोपहर में दो बजे तक धरना दिया। इसमें कनिष्ठ एवं सहायक अभियंता से लेकर अन्य श्रेणी के कर्मी भी शामिल रहे। जिला स्तरीय हुए इस प्रदर्शन में आसपास के डिवीजनों से भी काफी संख्या में डिस्कॉम कर्मी शामिल हुए। प्रदर्शन के बाद जिला कलक्टर की अनुपस्थिति में एडीएम चंपालाल जीनगर को मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान सरकार अपनी लोक कल्याणकारी भूमिका को छोडकर विद्युत क्षेत्र को लाभ-हानि के आधार पर संचालन की मंशा से आगे बढ़ रही है। वितरण के क्षेत्र में तीनों डिस्कॉम में वर्तमान में अधिकतर कार्य आउटसोर्स, एफआरटी, ठेके व सीएलआरसी इत्यादि नामों से निजी भागीदारी से करवाये जा रहे हैं। अब इसी निजीकरण के तहत 33/11 केवी ग्रिड के फीडर सेग्रिगेशन व सोलराईजेशन के नाम पर आउटसॉर्स कर निजी हाथों में दिया जा रहा है। यह ग्रिड सेफ्टी कोड नका सीधा-सीधा उल्लंघन है। प्रसारण निगम के वर्षों से लाभ देने के बावजूद इसके ग्रिड़ों का संचालन कलस्टर के माध्यम से ठेके पर देकर करवाया जा रहा है। जिनमें से अधिकतर कंपनियां कलस्टर को छोडकर भाग चुकी हैं। यह मॉडल विफल होने के बाद भी अब इनविट के माध्यम से प्रसारण की आर्थिक सुदृढता व लाभकारी स्थिति में विशेष योगदान देने वाले 765 केवी व 400 केवी ग्रिड सब-स्टेशन से प्राप्त होने वाली आय को इस मॉडल के माध्यम से निजी भागीदारों को बांटकर प्रसारण को भी हानि का निगम बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
संघर्ष समिति का गठन
अजमेर विद्युत वितरण श्रमिक संघ के अध्यक्ष जितेन्द्र फिड़ोदा ने बताया कि इसके लिए संयुक्त संघर्ष समिति कार्यकारिणी का गठन किया गया है। इसमें प्रवीण मेहरिया को अध्यक्ष, अर्जुन सिंह राठौड़ को महासचिव, पंकज राड, सतपाल चौधरी व सुरेश लोयल को जिलामंत्री, सतपाल को सचिव एवं नरेन्द्र शर्मा को कोषाध्यक्ष बनाया गया है।
नागौर. राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के बैनरतले कलक्ट्रेट पहुंचे प्रदर्शन करते हुए डिस्कॉम कर्मी