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Nagaur patrika…एक साल पहले बन जाना चाहिए था जिला स्तरी बहुदेशीयदेशी पशु चिकित्सालय…VIDEO

नागौर. जिला स्तरीय बहुउद्देशीय चिकित्सालय का निर्माण एक साल पहले ही हो जाना चाहिए था, लेकिन नहीं हो पाया। लेटलतीफी नहीं होती तो फिर जिले भर के पशुओं को अब तक आधुनिक सुविधाओं से सज्जित भवन में चिकित्सा सुविधा का लाभ मिल रहा होता। स्थिति यह है कि अभी भी इसका निर्माण कार्य चल रहा […]

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नागौर. जिला स्तरीय बहुउद्देशीय चिकित्सालय का निर्माण एक साल पहले ही हो जाना चाहिए था, लेकिन नहीं हो पाया। लेटलतीफी नहीं होती तो फिर जिले भर के पशुओं को अब तक आधुनिक सुविधाओं से सज्जित भवन में चिकित्सा सुविधा का लाभ मिल रहा होता। स्थिति यह है कि अभी भी इसका निर्माण कार्य चल रहा है। विभागीय सूत्रों की माने तो कम से कम छह माह अभी और लगेंगे इसका निर्माण कार्य होने में। इसके बाद इसे निर्माणदायी एजेंसी की ओर से पशुपालन विभाग को हैंडओवर किए की कार्रवाही की जाएगी। तब जाकर यह भवन पशुपालन विभाग को मिल पाएगा। इस पूरी कवायद में पूरे दो साल का विलंब हो जाएगा।
बजट स्वीकृति होने के बाद भी लेटलतीफी
नागौर जिला मुख्यालय में आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से युक्त पॉली क्लिनिक का निर्माण के बजट की स्वीकृति वर्ष 2021 में करीब साढ़े तीन करोड़ की हुई थी। बजट स्वीकृति के माह भर के पश्चात इसमें निविदा आदि की प्रक्रिया संपन्न कर काम शुरू करा देना चाहिए था, लेकिन इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ वर्ष 2023 के अक्टूबर माह में। निर्माण शुरू होने के कुछ समय के पश्चात काम पूरा होने के पहले ही रुक गया था। बताते हैं कि चार से पांच माह तक यह गतिरोध की स्थिति बनी रही। इस संबंध में निर्माणदायी एजेंसी कृषि विपणन बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि जहां पर भवन का निर्माण कार्य होना था। वहां पर पेड़ होने के साथ ही ऊपर से हाईटेंशन लाइट के तार गए हुए थे। इसको हटवाए जाने की प्रक्रिया में विलंब हो गया। इसके चलते कुछ समय तक काम बाधित जरूर रहा, लेकिन रुका नहीं था। अब इसका निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। जल्द ही यह भवन पशुपालन विभाग को सौंप दिया जाएगा।
इसका होना था निर्माण
छोटे एवं बड़े ऑपरेशन थियेटर, आउटडोर, मीटिंग हॉल, डॉक्टर्स के चेंबर्स, दवा स्टोर आदि का निर्माण किया जाना था। इसमें ज्यादातर निर्माण कर दिए गए हैं, लेकिन अभी अधूरे हैं। स्थिति यह है कि इनके कक्ष तो बना दिए गए हैं, लेकिन अभी इसके पूरी तरह से व्यवस्थित नहीं किया जा सका है। भवन निर्माण की चल रही मंथर गति से प्रतीत हेाता है कि इस साल भी भवन का हस्तांतरण पशुपालन विभाग को होना मुश्किल ही है। इसकी वजह बताते हैँ कि चिकित्सकों के कक्ष के साथ ही आउडोर आदि की जगह का निर्माण अभी पूरी तरह से नक्शानुसार नहीं बन पाया है। भवन बनेगा, फिर इसकी फिनिशिंग आदि का काम पूरा होने पर ही पशुपालन विभाग को मिलेगा तो फिर विभाग इसमें सामानों को व्यवस्थित कराने का काम करेगा। इसको लेकर पशुपालन विभाग में भी असमंस की स्थिति बनी हुई है।
निर्माण की गुणवत्ता को लेकर भी उठ रहे सवाल
जानकारों के अनुसार लेटलतीफी से शुरू हुए कार्य की वजह से भवन के निर्माण की गुणवत्ता को लेकर सवालिया निशान लगने लगा है। सूत्रों के अनुसार नाम नहीं छापे जाने के आश्वासन पर इसमें प्रयुक्त सामाग्री को लेकर पूर्व में भी खुद विभाग के लोगों ने ही सवालिया निशान लगाया था। अब निर्माण कार्य तो चल रहा है, लेकिन प्रावधानों के अनुसार इसकी गुणवत्ता पर उंगलियां भी उठने लगी है। हालांकि कृषि विपणन बोर्ड के अधिकारी कहते हैं कि ऐसा कहीं कुछ नहीं है। निर्माण का कार्य उनकी निगरानी में हो रहा है। इसकी गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा, लेकिन इसके निर्माण में प्रयुक्त सामग्रियों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
इनका कहना है…
बहुउद्देशीय चिकित्सालय भवन का निर्माण एक साल पहले होना चाहिए था। ऐसा होने पर अब तक इसकी बेहतर चिकित्सा सुविधा का लाभ जिले भर के पशु पालकों को मिल रहा होता।
डॉ. नरेन्द्र चौधरी, उपनिदेशक एवं पॉली क्लिनिक प्रभारी नागौर
बहुउद्देशीय चिकित्सालय भवन के निर्माण शुरू होने में कुछ तकनीकी बाधाएं थी। इनका निस्तारण करने में समय लग गया, लेकिन अब जल्द ही भवन निर्माण का कार्य पूरा कराकर इसको पशुपालन विभाग को हैंडओवर कर दिया जाएगा।
गरीबराम, कनिष्ठ अभियंता, कृषि विपणन बोर्ड मेड़तासिटी