जामनगर जिले में खिजडिया पक्षी अभयारण्य के संरक्षण एवं पुनर्स्थापन प्रोजेक्ट के वित्तीय सहयोग के लिए राज्य सरकार के वन व पर्यावरण विभाग ने निजी कंपनी के साथ एमओयू किया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में गांधीनगर में किए गए एमओयू के तहत न्यारा एनर्जी तीन वर्ष के लिए 12 करोड़ रुपए की लागत से शुरू किए जाने वाले इस प्रोजेक्ट के तहत वेटलैंड(आर्द्रभूमि) की पर्यावरणीय परिस्थितियों, स्थानीय जैवविविधता में सुधार तथा वेटलैंड्स व उससे जुड़ी गतिविधियों के संचालन में स्थानीय भागीदारों की भागीदारी को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
अभयारण्य के कार्यक्षेत्र में स्थानीय समुदायों के लिए लाभदायी जलभूमि के इकोलॉजिकल तथा हाइड्रोलॉजिकल स्वास्थ्य को सुधारने एवं अतिक्रमणयुक्त जैवविविधता को कम करने में मदद मिलेगी। इस प्रोजेक्ट में मुख्यतः इको टूरिज्म को प्रोत्साहन, वेटलैंड पुनर्स्थापन एवं संरक्षण, इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट तथा कैपेसिटी बिल्डिंग को शामिल किया गया है।
कंपनी ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के विद्या समीक्षा केन्द्र के साथ भी समझौता किया। इसके तहत जामनगर तथा देवभूमि द्वारका जिलों की 1300 सरकारी शालाओं एवं आंगनवाडि़यों में पठन गतिविधियों को गति मिलेगी।
इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए आगामी शैक्षणिक सत्र अप्रेल 2025 से तीन वर्ष यानी मार्च 2028 तक यह प्रोजेक्ट चलाएगी। जामनगर व देवभूमि द्वारका के हर सरकारी विद्यालय में अंग्रेजी व गुजराती भाषा की 150 पुस्तकें प्रदान की जाएंगी। 1900 आंगनबाड़ियों में बच्चे समझ सकें, ऐसी भाषा में 90 पुस्तकें प्रदान की जाएंगी, जो बच्चों में प्रारंभिक साक्षरता विकसित करेंगी।