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स्मार्ट लैब का निर्माण कार्य शुरु, अब 28 महीनो में पूरा करना होगा निर्माण

रायपुर। मध्य भारत की सबसे बड़ी स्मार्ट लैब का निर्माण कार्य नवा रायपुर के तेंदुआ गांव में शुरु हो गया है। स्मार्ट मीटर लैब के लिए चिन्हांकित जमीन पर बाउंड्री निर्माण करने का काम सीपीडब्ल्यूडी ने शुरु कर दिया है। बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया, कि स्मार्ट मीटर लैब बनाने का एमओयू केंद्रीय विद्युत अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु और छत्तीसगढ़ शासन के बीच हुआ है। इसका निर्माण तीन साल में पूरा करना है। एमओयू के तहत निर्माण कार्य अगस्त 2022 से शुरु हो जाना चाहिए, लेकिन इसका निर्माण कार्य आठ माह लेट चल र

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रायपुर। मध्य भारत की सबसे बड़ी स्मार्ट लैब का निर्माण कार्य नवा रायपुर के तेंदुआ गांव में शुरु हो गया है। स्मार्ट मीटर लैब के लिए चिन्हांकित जमीन पर बाउंड्री निर्माण करने का काम सीपीडब्ल्यूडी ने शुरु कर दिया है। बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया, कि स्मार्ट मीटर लैब बनाने का एमओयू केंद्रीय विद्युत अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु और छत्तीसगढ़ शासन के बीच हुआ है। इसका निर्माण तीन साल में पूरा करना है। एमओयू के तहत निर्माण कार्य अगस्त 2022 से शुरु हो जाना चाहिए, लेकिन इसका निर्माण कार्य आठ माह लेट चल रहा है। आठ माह लेट होने के बावजूद सीपीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार निधाZरित समय पर काम पूरा करने का दावा कर रहे है।

10 दिन के अंदर होगी टेंडर प्रक्रिया

केंद्र सरकार की रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत स्मार्ट मीटर लैब का निर्माण होना है। लैब परिसर में चार तरह की लैब, सब स्टेशन, कार्यालय, सिक्योरिटी रुम, कैंटीन, ओपन स्पेस का निर्माण किया जाना है। इस निर्माण कार्य की टेंडर प्रक्रिया आने वाले 10 दिनों में करने की बात सीपीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार कह रहे है। विभागीय सूत्रों के अनुसार टेंडर प्रक्रिया और कागजी कार्रवाई बरसात तक पूरी कर ली जाएगी। बरसात के बाद निर्माण कार्य युद्धस्तर पर शुरु कर दिया जाएगा।

ये सब जांच होगा लैब में

लैब में स्मार्ट मीटरों के अलावा ट्रांसफारमर, मीटर टेस्टिंग, ऑयल टेस्टिंग एवं समस्त विद्युत उपकरणों की जांच हो सकेगी। वर्तमान में विद्युत उपकरणों को टेस्टिंग के लिए भोपाल भेजा जाता है। इस लैब के बनने से समय और राजस्व की बचत होगी। इस प्रयोगशाला में बिजली कंपनियों को टेस्टिंग में 20 प्रतिशत की रियायत दी जाएगी। जब तक लैब का निर्माण नहीं होगा, तब तक मीटरों और उपकरणों की जांच भोपाल और बेंगलुरू में की जाएगी।

लैब के साथ बनेगा ट्रेनिंग सेंटर

स्मार्ट लैब परिसर में ट्रेनिंग सेंटर भी बनाया जाएगा। ट्रेनिंग सेंटर में बिजली कर्मचारियों की दक्षता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। लैब का निर्माण 20.70 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा।