सागर. चितौरा बैराज के पास बेबस नदी में गुरुवार को डूबे सुमित का शव 16 घंटे बाद पानी से निकाल लिया गया। शव को निकालने में होमगार्ड जवान और ग्रामीणों ने शुक्रवार सुबह भी करीब तीन घंटे मशक्कत की। किशोर का शव बैराज के नजदीक ही चट्टानों में फंसा हुआ था। उधर घाट पर आस लगाए खड़े परिजनों को जैसे ही नदी से बाहर आता शव दिखा वे बिलख उठे। शव की जांच के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया जहां पुलिस ने उसे परिजनों को सौंप दिया गया। बताया जाता है कि सुमित राय घर में दो बहनों के बीच इकलौता भाई था। उसके पिता एक निजी फर्म में कार्यरत हैं।
इम्मानुएल स्कूल की कक्षा 10वी के छात्र सुमित राय की तलाश में होमगार्ड और चितौरा के ग्रामीण शुक्रवार सुबह सूरज निकलने के साथ ही बेबस नदी में उतर गए थे। इस दौरान सुरखी टीआई जेपी ठाकुर, लापता सुमित के परिजन व ग्रामीण भी घाट पर पहुंच चुके थे। होमगार्ड के गोताखोरों ने नदी के तलहट में तलाश करते हुए सुमित के शव को खोज लिया। गोताखोरों ने बताया कि नदी में छलांग लगाते ही सुमित किसी चट्टान से टकराने के बाद उन्हीं के बीच फंस गया था। इस वजह से शव पानी के प्रवाह में आगे नहीं बह सका। सुमित के सिर और चेहरे पर भी जख्म नजर आ रहा था। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा जहां से उसे परिजनों को सौंपा गया।
सर्चिंग के दौरान जब तक शव नहीं मिला परिजनों को सुमित के जीवित होने की उम्मीद थी और वे टकटकी लगाए हुए थे। लेकिन जैसे ही शव गोताखोरों के हाथ लगा और उसे बाहर लाया गया वे फफक कर बिलख उठे। गुरुवार को सुमित का 17वां जन्मदिन था। दो बहनों के बीच इकलौता भाइ होने से परिजन भी शाम को बर्थडे मनाने की तैयारी कर रहे थे लेकिन वह शाम को घर नहीं लौटा। परिजन उसकी तलाश कर रहे थे कि चितौरा में डूबने की खबर उन तक पहुंची। गुरुवार रात में ही सुमित के परिजन व मोहल्ले के कुछ लोग चितौरा पहुंच गए थे जिन्हें पुलिसकर्मियों ने समझा-बुझाकर लौटाया। पूरा परिवार रातभर लापता सुमित की चिंता में जागता रहा।
टीआइ ठाकुर के अनुसार गुरुवार को सुमित अपने दोस्त अभिषेक तिवारी और प्रखर निगम के साथ स्कूल से बिना बताए अपना जन्मदिन बनाने चितौरा गया था। चितौरा में दोस्तों के साथ मस्ती करते हुए सुमित उफनती बेबस नदी में कूदा और फिर लापता हो गया और अभिषेक व प्रखर घबराकर वहां से भाग आए थे। पुलिस ने रात में भी सुमित की तलाश की लेकिन अंधेरे और नदी के उफान पर होने से सर्चिंग रोकनी पड़ी थी। शुक्रवार सुबह नदी से मिले शव को पोस्टमॉर्टम के बाद जब घर लाया गया तो वहां मातम पसरा हुआ था। रक्षाबंधन से ठीक पहले इकलौते भाई को खोने के कारण सुमित की दोनों बहनों का बुरा हाल था और हर कोई बिलख रहा था।