रक्तदाताओं का कहना है कि ब्लड बैंक जाने के लिए उसका अपना अलग गेट था। इससे आसानी रहती थी, लेकिन इस गेट पर ताला डाल दिया गया है। इसके बंद होने से मरीज को रक्त की जरूरत पडऩे पर रक्तदाताओं को प्रसूति वार्ड पहुंचना पड़ रहा। वहां वाहन रखने के लिए स्टैंड पर किराया देना पड़ रहा और फिर प्रसूति वार्ड के गेट से निकलकर ब्लड बैंक पहुंचना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था में रात्रि के समय अगर किसी मरीज को ब्लड की जरूरत पड़ जाए तो प्रसूति वार्ड से निकलने में रक्तदाताओं को समस्या आएगी वहीं बाहर से आने वाले लोगों को और भी समस्या आएगी, क्योंकि यहां प्रसूति वार्ड में ताला एवं सुरक्षा गार्ड रहते हैं। रक्तदाताओं का कहना है कि ब्लड बैंक का रास्ता यथावत रखा जाना चाहिए।
मेन गेट बंद पर शराबखोरी बंद नहीं
अस्पताल प्रबंधन का मानना है कि परिसर में असामाजिक तत्वों का प्रवेश रोकने के लिए ऐसा किया गया लेकिन गुरुवार को जब पत्रिका टीम ने परिसर का जायजा लिया तो यहां ब्लड बैंक के कक्ष के समीप अंगे्रजी शराब की बोतलों के कई पैकेट पड़े मिले। पहले भी परिसर में सुबह सफाई के दौरान यहां बड़ी संख्या में शराब की बोतलें मिलती रही हैं।
इस मेन गेट से आवारा लोग प्रवेश कर जाते थे। गंदगी करते थे और शराब आदि पीते थे। सुरक्षा की दृष्टि से इस गेट को बंद किया गया है। प्रसूति वार्ड में महिलाएं अलग रहती है। इस गेट से निकलने में किसी को परेशानी नहीं होना चाहिए।
-डॉ. संजय खरे, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल