अनंत चतुर्दशी से रामनगर की विश्व प्रसिद्ध रामलीला का शुभांरभ हो गया। एक माह तक चलने वाली रामलीला देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। रामलीला के पहले दिन रावण, कुंभकर्ण व विभिषण का जन्म हो हुआ। रावण वह उसके राक्षस भाईयों ने प्रभु से आशीर्वाद लेकर मानव व ऋषियों पर जुल्म करना शुरू कर दिया। जबकि विभिषण ने भगवान से प्रभु भक्ति का आशीर्वाद मांगा था। रावण के आतंक से त्रस्त होकर देवताओं ने प्रभु श्रीहरी की गुहार लगायी थी जिस पर प्रभु ने राम अवतार में जन्म लेकर रावण का वध करने का आशीर्वाद दिया था। रामनगर की रामलीला में पहले दिन इन्हीं चीजों का मंचन किया गया है। क्षीर सागर में विराजमान प्रभु श्री विष्णु की आरती व पूजा के साथ रामलीला के प्रथम दिन पर विराम लगाया गया। परम्परा के अनुसार रामलीला का शुभारंभ काशी नरेश अनंत नारायण सिंह की पूजा के साथ हुआ। इस अवसर पर महाराज बनारस की शाही सवारी भी निकलती है और पीएससी की टुकड़ी भी सलामी देती हैं।